धरमजयगढ़ के पहाड़ी में फिर मिले प्राचीन शैलचित्र…हैरान कर देने वाले रोचक तथ्य…!

राजेन्द्र देवांगन
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धरमजयगढ़ के पहाड़ी में फिर मिले प्राचीन शैलचित्र…हैरान कर देने वाले रोचक तथ्य…!

रायगढ़: -पृथ्वी ही सचमुच में वसुंधरा है इतिहास के न जाने कितने ही भेद इसकी गोद में छीपे हुए हैं ,कमी है देखने वालों की खोजने वालों की। वस्तुओं की कमी नहीं और न ही साधनों। धरमजयगढ़ का चप्पा-चप्पा प्राचीन स्मृतियों की कहानी कह रहा है। छत्तीसगढ़ में गुफा अन्वेषण और शैलचित्र खोज के लिए जाने वाले प्रो. डी.एस.मालिया के द्वारा पिछले एक सप्ताह से जारी सघन गुफा खोज अभियान में अन्ततः आज सफलता हाथ लगी और 200 फुट की ऊंचाई पर स्थित शैलाश्रय में प्रागैतिहासिक कालीन शैलचित्र प्राप्त हुएं। प्रो.मालिया ने कहा कि गुफा अन्वेषण अभियान अभी जारी है अभियान पूर्ण होने पर विस्तृत जानकारी साझा किया जायेगा ।

रायगढ़ जिले में अभी तक कबरा पहाड़, सिंघनपुर, ओंगना व उषाकोठी ,बांसाझार ,बोतल्दा सहित कुछ अन्य स्थानों में शैलचित्र प्राप्त हुएं हैं जो राज्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा चिन्हांकित है। प्रो.डी.एस. मालिया द्वारा 1994 से गुफा अन्वेषण अभियान चलाया जा रहा है और 16 अन्य स्थलो पर प्रागैतिहासिक कालीन शैलचित्र की खोज की गई है जिसमें 2003 में शोखामुड़ा की पंचभया पहाड़ी श्रृंखला में प्राप्त वंदनखोह गुफा के शैलचित्र सबसे महत्वपूर्ण है जिसे राज्य संस्कृति विभाग के तात्कालिन उप संचालक डॉ जी एल बादाम ने नवीन खोज करार किया था।


इस अभियान में प्रो. मालिया के साथ श्री बलिराम,श्री गुलाब राम पटेल, श्री विजय शर्मा, श्री अर्जुन राठिया सहित पांच अन्य ग्रामीण जन जिसमें 90 वर्ष के श्री दाढ़ी भी मार्ग दर्शन करते साथ चले इस उम्र में उनका जोश और उत्साह यकीन नहीं होता है।

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