हवन करते हाथ जला
दान की जमीन पर बेजा कब्जा
पिहरीद महाविद्यालय बेखबर…!
हवन करते हाथ जले कहावत मालखरौदा महाविद्यालय ( पिहरीद)में चरितार्थ होते दिख रहा है, बात है, शासकीय महाविद्यालय मालखरौदा भवन जो अब शासकीय वेद राम महाविद्यालय मालखरौदा के नाम से जाना जाता है, राजस्व ग्राम मालखरौदा में शासकीय महाविद्यालय भवन हेतु जमीन उपलब्ध नहीं होने से सरहदी ग्राम पिहरीद के किसानों ने बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ अपने करोड़ों का पुस्तैनी बेस कीमती जमीन को महाविद्यालय भवन मालखरौदा- पिहरीद निर्माण हेतु बकायदा दान देकर शासकीय महाविद्यालय भवन का निर्माण पिहरीद में कराया गया उन्हें क्या पता था, कि पिहरीद में स्थापित महाविद्यालय भवन में पिहरीद के दानदाताओं को मालखरौदा – में पिहरीद जोड़ने के लिए जद्दोजहद करना पड़ेगा………….?
सिर्फ इतना ही नहीं ग्राम के शेष कृषि भूमि पर भी ग्रामीणों का अधिकार समाप्त हो जायेगा जिसके चलते ग्राम पंचायत पिहरीद में प्रस्तावित जल जीवन मिशन का लाखों के लागत से बनने वाले पानी टंकी मालखरौदा महाविद्यालय में पदस्थ कतिपय नौकरशाहों तथा तहसीलदार मालखरौदा के हठधर्मिता के कारण प्रधानमंत्री का महत्वाकांक्षी योजना राजनीति का भेंट चढ़ जायेगा और ग्रामीणों को बूंद – बूंद पानी के लिए भटकना पड़ेगा……….?
बर्षो से पेयजल संकट से जूझ रहे जल जीवन मिशन शायद समय रहते पिहरीद का पानी टंकी निर्माण हो गया होता तो राहुल साहू के पिता श्री रामकुमार साहू को अपने बाड़ी में अलग से बोरवेल खुदवाना नहीं पड़ता और देश का ऐतिहासिक रेस्क्यू पिहरीद राहुल साहू बोरवेल रेस्क्यू आपरेशन कर छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों का शायद मोल चुकाना नहीं पड़ता……………..?
ज्ञात हो कि ग्रामीणों द्वारा महाविद्यालय के लिए दान में दिये गये भूमि को राजस्व एवं महाविद्यालय अमला प्राइवेट प्रापर्टी मानकर बेंच रहें हैं, जिससे ग्रामीणों में शासकीय महाविद्यालय मालखरौदा के प्रति तीब्र रोष ब्याप्त है, जिससे पिहरीद के भूमि स्वामी किसान अब अपने – अपने जमीन पर फसल लगाने की तैयारी में हैं| समय रहते पिहरीद पानी टंकी का विवाद नहीं सुलझाया गया तो महाविद्यालय का रास्ता बंद हो जाय तो कोई आश्चर्य नही …………………….?
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