एक धरोहर, प्राचीन शैल चित्रों का संग्रह… शैलचित्रों में छिपा है गौरवशाली इतिहास…क्या है सिंघनपुर की दुर्गम गुफाओं का रहस्य…!
रायगढ़, दुनिया में कई ऐसे स्थान हैं,जिनका अपना इतिहास है,लेकिन कोई उसके असल रहस्य को नहीं सुलझा सका है। आज भी दुनिया के कई हिस्सों में अनोखे स्थानों और खजाने की खोज से जुड़ी कथांए प्रचलित हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भी एक स्थान ऐसा है ,जिसका ऐतिहासिक महत्त्व होते हुए भी उसके रहस्यों पर आजतक कोई प्रकाश नहीं डाल सका है। हम आज आपको रायगढ़ के सिंघनपुर की गुफाओं के बारे में बताने जा रहे हैं,यह स्थान रहस्यों से भरा हुआ है।
छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला अपने सांस्कृतिक और पौराणिक खूबियों की वजह से काफी समृद्ध है। पुरातत्वविदों के मुताबिक यहां स्थित सिंघनपुर की गुफाओं में शैलाश्रय 30 हजार वर्ष ईसा पूर्व के हैं ,जिनको स्पेन और मैक्सिको में मिले शैलचित्रों के समकालीन माना जाता है। जिसमे आदिवासियों की नर्तक टोली, मानव आकृति, शिकार के दृश्य , सीढ़ीनुमा मानव आकृति, विविध पशु आकृति और अन्य चित्र मौजूद है।
सरकार इसस्थान को धरोहर का रूप मानती है और संरक्षित स्थल घोषित किया है,लेकिन इनका रखरखाव नहीं कर पा रही है। दुनिया का हर खोजी रायगढ़ जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर पश्चिम की दिशा में स्थित रहस्यमयी पहड़ियों में जरूर जाना चाहेगा। इतिहास में दर्ज है कि साल 1910 में एक विदेशी खोजी एंडरसन ने रायगढ़ में सिंघनपुर और कबरा पहाड़, कर्मागढ़ में पुरातन चित्रों की खोज की थी।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की सिंघनपुर गुफाएं की गुफा बेहद ही रहस्यमयी हैं। यहां मौजूद छोटी और बड़ी मिलकर कुल 11 गुफाएं मौजूद है,जिनके गर्भ में छुपा रहस्य आजतक कोई नहीं सुलझा सका है। स्थानीय लोगों के बीच हमेशा से यह कहानी प्रचलित है कि गुफाओं के भीतर अकूत खजाना गढ़ा है,जिसकी खोज में कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं।
जनश्रुतिओं के मुताबिक जो भी गुफाओं में खजाना हासिल करने के मकसद से दाखिल होता है, वह जिंदा वापस नहीं लौट पाता है। यहां मौजूद 11 गुफाओं में से 9 में इंसान नहीं जाते, क्योंकि जिसने भी भीतर जाने की कोशिश की वह हमेशा के लिए वहीं खो गया। 9 गुफाओं में नहीं कर सका है कोई प्रवेश
सिंघनपुर की पहाड़ियों में मौजूद 11 में से केवल 2 गुफाओं में से जाना संभव होता सका है, बाकी की 9 गुफाओं में अभी तक कोई नहीं जा पाया है। इन गुफाओं में मधुमक्खी के छत्ते और चमगादड़ों की फौज है। अंदर कई प्रकार के अनोखे जीव जंतु भी मौजूद हैं। गुफाओं की दीवारों पर रंगीन शैलचित्र बने हुए हैं,लेकिन यह प्राचीन कलाकृतियां धुंधली होती जा रही हैं। सिंघनपुर के ग्रामीणों का कहना है की गुफाओं में आदिम युग के औजार और शैलचित्र हैं, गुफा के भीतर कई रहस्य हैं,लेकिन उनके भीतर प्रवेश संभव नहीं है।घने जंगलों के बीच दबा है गहरा राज
सिंघनपुर की रहस्यमयी गुफाएं घने जंगल के करीब हैं,इसलिए आज भी पहाड़ों के ऊपर शेर और भालुओं की गुफाएं बनी हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पहले शेर इस स्थान में घुमा करता था,लेकिन अब केवल देखा ते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन गुफाओं में एक राक्षिन गुफा भी है, जिसके आसपास कोई भी नहीं भटकता हैं। पहले गुफाओं के मुहाने पर पूजा पाठ का चलन था,लेकिन समय के साथ-साथ लोगों ने पूजन बंद कर दिया है।
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