पुलिस पर पथराव, गाड़ियों में तोड़फोड़…गरियाबंद में धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर धरना दे रहे किसान भड़के… कई पुलिसकर्मी घायल…!
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस भीड़ ने पहले तो पुलिस टीम पर पथराव किया। फिर ईंट लेकर पुलिस के पीछे ही दौड़ गए। हमले में 3 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। बताया गया है कि ये सभी लोग धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर जुटे थे। मगर पुलिस से उनकी बहस हो गई। जिसके बाद यह घटना घटी है।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को कंडेकेला सहकारी समिति के अधीन आने वाले 7 गांव के कई लोगों ने यहां पर धान खरीदी केंद्रे खोलने की मांग को लेकर धुरूवागूड़ी के पास चक्काजाम किया था। इस चक्काजाम में महिला किसान भी शामिल हुईं थीं। सभी एक ही बात को लेकर NH-130 पर ही बैठ गए थे कि जब तक हमारे लिए नया खरीदी केंद्र नहीं खोला जाता। तब तक हम नहीं उठेंगे।
दरअसल, कंडेकेला सहकारी समिति को पिछले 10 साल से भेजीपदर में संचालित किया जा रहा है। बस इसी बात को लेकर लोग नाराज हैं। लोगों का कहना है कि या तो कंडेकेला में वापस सहकारी समिति खोल दिया जाए या नया खरीदी केंद्र खोल दिया जाए। इस वजह से सुबह 8 बजे से ही लोग यहां जमा हो गए थे। ग्रामीण इस बात से भी नारज हैं कि उन्हें धान बेचने 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।
उधर, जब इस बात का जानकारी पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को हुई तब वे भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस की टीम ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन वे नहीं माने। इस बीच लोगों की पुलिस से बहस शुरू हो गई। इसके बाद लोगों ने पुलिस पर पत्थर से हमला करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस की टीम मौके से भागने लगी।
पुलिस के साथ हुई झूमाझटकी। बोले-मारो, इन्होंने हमारी-मां बहन को मारा है
इसके बाद लोगों ने पुलिस टीम का पीछा किया। पीछे भागते-भागते लोग ये कहते नजर आए कि मारो..मारो..मारो इन्हें। ग्रामीणों ने कहा कि ये हमारी मां-बहन को मार रहे हैं। क्या ये ठीक है। ऐसे कोई करता है। महिलाओं को मार रहे हैं। पता चला है कि पुलिस की टीम के साथ ही सीनियर अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। फिलहाल लोगों को समझाने का काम किया जा रहा है।
रोड पर खड़ी ट्रकों के कांच भी तोड़ दिए गए हैं। ग्रामीणों के चक्काजाम की वजह से हाईवे में दोनों तरफ से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं थीं। इस वजह से दोपहर के वक्त पुलिस की टीम ग्रामीणों को समझाने गई थी। उस वक्त लोग जमीन पर बैठे थे। मगर पुलिस ने उन्हें उठाना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही यह बवाल शुरू हुआ है।
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