
Girijabandh Hanuman Mandir: इस मंदिर में स्त्री स्वरूप में होती है हनुमान जी की पूजा… जानें इससे जुड़ी कथा…
भारत में हिंदू मान्यताओं के अनगिनत धार्मिक स्थल हैं. हर स्थल का अपना पौराणिक महत्व हैं और श्रद्धालुओं का भरोसा है. ऐसा ही एक मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर जिले में स्थित है. गिरजाबंध में मौजूद हनुमान जी का ये मंदिर ना सिर्फ बाकी मंदिरों से अलग है. बल्कि यहां हनुमान जी के नारी स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि हनुमान जी यहां नारी रूप में समाज की रक्षा करते हैं. आज आपको इसी मंदिर का धार्मिक महत्व और पौराणिक मान्यता के बारे में विस्तार से बताते हैं.

धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी को ब्रह्मचारी कहा गया है. वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर की स्थापना तत्कालीन राजा पृथ्वी देवजू ने की थी.
कहा जाता है कि एक बार ये राजा कुष्ठ रोग की चपेट में आ गए और तमाम इलाज के बावजूद उपचार नहीं हो सका. इसके बाद किसी ने उन्हें हनुमान जी की उपासना करने को कहा.

राजा ने हनुमान जी की कड़ी तपस्या की. राजा की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें सपनों में दर्शन दिए और कहा कि एक मंदिर का निर्माण करो. साथ ही पास में ही एक सरोवर खुदवाने को भी कहा. इसी सरोवर में स्नान करने से तुम्हारा कुष्ठ रोग दूर होगा. राजा देवजू ने ऐसा ही किया और स्नान के बाद वो स्वस्थ हो गए.
स्नान करने से तुम्हारा कुष्ठ रोग दूर होगा. राजा देवजू ने ऐसा ही किया और स्नान के बाद वो स्वस्थ हो गए. राजा देवजू के ठीक होने का ये चमत्कार जल्द ही लोगों में चर्चा का विषय बन गया. जिसके बाद दूर-दूर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना के साथ आने लगे.

इस मंदिर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा ये भी है कि कुछ दिनों बाद राजा को सपना आया कि सरोवर के अंदर एक प्रतिमा है. राजा ने अपने आदमियों से प्रतिमा तलाशने को कहा तो सरोवर में उन्हें हनुमान जी की नारी स्वरूप की प्रतिमा मिली. जिसे मंदिर में स्थापित किया गया. जिसकी आज भी श्रद्धालु पूजा और दर्शन करते हैं.