Chhattisgarh: माओवादियों ने प्रेस नोट जारी कर बस्तर पुलिस पर लगाया षड्यंत्र का आरोप… पुलिस ने सामने नही लाई सच्चाई….
बीजापुर डीआईजी कमलोचन कश्यप एवं एसपी अंजनव्य वर्षण्य के नेतृत्व में आत्मसमर्पित, मोडियम गोपी, मोडियम लालु पुलिस प्रशासन का एजेंट बनकर ग्राम पंचायत पेद्दा कोरमा में आम नागरिकों को पैसें एवं वस्तु लालच दिखाकर कुछ लोगों को डरा धमका कर सुगली मुखबिरगोपनिय सैनिक तैयार किया था। इसमें बोला सार का दूसरा मुखबिर बनकर गाँव का सूचना पुलिस प्रशासन को देने पर बोडला पूसनार, पेद्दा कोरमा, पदेड़ा, मुरंगा, मनेकेली, कोकरा, इसुलनार आदि गाँवों पर पुलिस हमला कर निर्दोष ग्रामिणों पर अंधाधुध गोलीबारी करना, गिराफतार, मारपीट करना, महिलाओं पर दुर्व्यवहार, अत्याचार, हत्या किये हैं। इसमें बोडला पुसनार 4 बार, पेद्दा कोरमा में 2 बार पीएलजीएल का सूचना दिये थे। पुलिस हमले से पहले डेरा खाली करके सुरक्षित बच गए।
इस वजह से पूर्व में भी दूला हपका को 6 बार जनता ने समझाया था किंतु दुबारा मुखबिक काम कर रहा था, 14 अक्टुबर को जनादालत में डाल कर मौत का सजा देना पड़ा। इसका जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन का ही है।
पेद्दा कोरमा के राजू मोडियम को परिवारिक विवाद के मामले में समझाए गये थे लेकिन दूसरे दिन 15 अक्टुबर रात 7 बजे ससुराल के घर में दारू पीकर घर वापस जाने के बाद पत्नी ने दारू पीने के संबंध में गाली-गलौज की तो राजू ने बताया कि घर वाले मुझे कभी ठीक से व्यवहार नहीं करते इसलिए मैं जीने से भी कोई फायदा नहीं करके अपने आप नाराज होकर राजू ने रात के लगभग 1 बजे परिवार लोग सभी सोने के बाद घर के किनारे आम पेड़ के डगल में फांसी लगाकर खुद खुशी कर लिया। पुलिस प्रशासन ने इस घटना को मीडिया, पेपरों के द्वारा माओवादीयों ने दो ग्रामीणों को हत्या करने का मनगढ़ंत कहानी बता रही है ये सरासर झूठ है।
पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी इस घटना को गौर निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन का ढोंगी प्रचार व वस्तु, पैसा लालच में आकर सुगली नेटवर्क, मुखबिर, गोपनिक सैनिक न बनें, लूटेरे वर्ग व्यवस्था के लिए मरना पंख के बराबर है, आम गरीब जनता का सेवा करते हुए जल, जंगल, जमीन इज्जत अधिकार अस्तित्व, अस्मिता को बचा कर आत्मसम्मान से जीने के लिए जन संघर्ष के राह पर आगे आयें। हपका दूला व मोडियम राजू का जिम्मेदार खुद बिजापुर एसपी व पुलिस प्रशासन का ही है।
माकपा (माओवादी) पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी
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