बस्तर में कारगर साबित हो रही है पेड़ों को शिफ्ट करने की योजना, जानिए इसके बारे में

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

बस्तर में कारगर साबित हो रही है पेड़ों को शिफ्ट करने की योजना, जानिए इसके बारे में

छत्तीसगढ़ के बस्तर की खूबसूरती यहां की प्राकृतिक सौंदर्य से है. यहां के घने जंगल और झरने बस्तर की पहचान है, लेकिन बस्तर में बढ़ती आबादी और बढ़ते शहर के विकास के साथ इन घने जंगलों की खूबसूरी पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की वजह से घटती जा रही है. पर्यावरण प्रेमी भी पेड़ों की कटाई का जमकर विरोध कर रहे हैं. पर्यावरण प्रेमियों के विरोध प्रदर्शन के बाद जगदलपुर नगर निगम ने दिल्ली के एक निजी कंपनी को पेड़ों की शिफ्टिंग का जिम्मा सौंपा है. नगर निगम की ये तरकीब कारगर भी साबित हो रही है.

जगदलपुर नगर निगम छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला नगर निगम है जहां पुराने और विशालकाय पेड़ों की शिफ्टिंग का कार्य किया जा रहा है. नगर निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि जगदलपुर शहर को स्मार्ट सिटी के तर्ज पर विकसित करने के लिए सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान सबसे पुराने और विशालकाय पेड़ की कटाई भी हो रही है. ऐसे में दिल्ली की एक निजी कंपनी से संपर्क कर पेड़ों की शिफ्टिंग का कार्य उन्हें सौंपा गया है. कंपनी धरमपूरा मार्ग के 74 पेड़ों को शिफ्ट करने का काम कर रही है. उन्होंने बताया कि यह शिफ्टिंग काफी कारगर साबित हो रही है. शिफ्ट हुए पेड़ बकायदा सर्वाइव कर रहे हैं और इसमें पत्तियां भी आना शुरू हो गई हैं.

आयुक्त ने बताया कि शिफ्टिंग के लिए जेसीबी मशीन और अन्य मशीनों के साथ मजदूरों को भी लगाया गया है. जड़ से पेड़ों को निकालने के बाद यह भी देखा जा रहा है कि यह पेड़ दूसरी जगह भूमि पर लगाई जा सकती है या नहीं. 74 पेड़ शिफ्टिंग के बाद सर्वाइव कर चुके हैं. सालों पुराने विशालकाय पेड़ों को मशीन और एक्सपर्ट की मदद से जड़ से उखाड़ कर शिफ्टिंग कर दूसरे जगह पर रोपा जा रहा है.

विनिका हॉर्टिकल्चर लैंडस्केप कंपनी को मिला काम
इन पेड़ों के शिफ्टिंग के लिए दिल्ली से आए विनिका हॉर्टिकल्चर लैंडस्केप कंपनी के डायरेक्टर अफजल चौधरी ने बताया कि उनकी कंपनी की तरफ से अब तक देश भर में 15 हजार से अधिक पेड़ों की शिफ्टिंग की जा चुकी है. इस कार्य के दौरान सबसे पहले पेड़ों को ट्रेडिंग किया जाता है. उसके बाद उसमें बैलेंस बनाया जाता है ताकि पेड़ गिरे नहीं. इसके अलावा पेड़ों को ट्रीटमेंट करने के बाद पेड़ पर फर्टिलाइजर लगाया जाता है. इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर रूटेक्स का इस्तेमाल किया जाता है ताकि पेड़ को हारमोंस मिले और पेड़ जल्द सर्वाइव कर सके. उन्होंने बताया कि एक पेड़ को शिफ्ट करने के लिए सारे संसाधनों को मिलाकर 10 से 15 हजार रु खर्च होते हैं.

Share This Article