प्रीतिबाला आडील जिला अध्यक्ष प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज बिलासपुर के द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चला रही
बिलासपुर :-पीरियड्स महावारी रजस्वला आखिर क्या है ये बला !!
तुम जो अपनी मर्दानगी पर इतना इतराते हो
दरअसल बाप तुम इसी क्रिया से बन पाते हो कुछ मर्दों को नहीं है फिर भी तमीज़ उनके लिए है ये बस उपहास की चीज़ !! हम 21 वीं सदी में जी रहे हैं चाँद को छू कर उसका नूर पी रहे हैं पर व्हिस्पर आज भी काली पैकेट में दिया जाता है जैसे हमें कोई छूत की बीमारी ऐसे सबसे अलग कर दिया जाता है चुपचाप दर्द पीना भी सीखा देते हैं किसी को पता ना चले घर में ये भी समझा देते हैं !!
भाई पूछता है पूजा क्यों नहीं कीतो सर झुका कर उसको
समझाना पड़ता है चाहे दर्द में रोती रहूँ पर पापा को देख कर मुस्कुराना पड़ता है पेट के निचले हिस्से को जैसे कोई निचोड़ देता है कमर और जाँघ की हड्डियाँ जैसे कोई तोड़ देता है खून की रिसती बून्द के साथ तड़पती हूँ मैंऔर जिसे तुमने नाम दे दिया “क्रेम्पस” का उसमें सोफे पर निढाल हो कर सिसकती हूँ मैं !!अब तुम पुरुष कहोगे
कि इसमें हमारी क्या गलती हमारा क्या दोष है ? तो सुनो तुमसे हमारी ना कोई शिक़ायत ना कोई रोष हबस जब तड़पे दर्द से तो “मैं हूँ ना” ये एहसास करवा देना गर्म पानी की बोतल ला कर तुम दर्द मिटा देना जो लगे चाय की तलब तो एक कप चाय बना देना पैड खत्म हो जाये तो
बिना झुँझलाये ला देना !! तो मैं क्या करूँ” कह कर
मुँह मोड़ कर जाना मत रेड अलर्ट” “लाल बत्ती”
जैसे शब्दों से चिढ़ाना मत !! बालो में तेल लगा कर
पीठ को सहला कर बस ज़रा सा प्यार जता देना हम जो धर्म निभाते हैं महीने के 27 दिन तुम सिर्फ 3 दिन ही निभा देना !! कुदरत ने Girl’s को मा बनने का सौभाग्य दिया है यह दर्द आप बिना कुछ बोले सहन करती आप सच मे बहुत महान हो मेरा नमन है आप सभी गर्ल्स को । और Boy’s हमे इनको समझना चाहिए यह महीने मे 27 दिन हमारी सेवा करती है हम 3 दिन इनकी सेवा नही कर सकते ?क्यों लोग इस का मजाक बना देते हैं माहवरी तो कही भी आ सकती है School, college, public place etc. girl’s पैड लेकर हर जगह साथ तो नही घूम सकती है ना।तो plz इनका मजाक न बनाये बलकी मदद करे l हम इनका दर्द छीन तो नही सकते हैं पर अपना होने का अहसास तो करा सकते हैं उनके दर्द या उनको हम समझते हैं