श्रीमद भागवत पुराण कथा आरंभ हुई श्री झूलेलाल मंदिर चकरभाटा में आयोजन संपन्न
श्रीमद् भागवत पुराण ज्ञान कथा महोत्सव का आयोजन श्री सिंधु अमरधाम आश्रम के संत लाल साई जी के द्वारा मंदिर में किया जा रहा है यह चोथा वर्ष है सुबह 12:00 बजे श्री झूलेलाल मंदिर से कलश यात्रा आरंभ हुई सबसे आगे ढोल बाजे वह भक्ति में भजनों पर भक्तजन झूमते हुए चल रहे थे उसके पीछे कलश यात्रा चल रही थी उसके पीछे भव्य रथ में श्रीमद् भागवत पुराण की पोटली लिए साईं जी बैठे हुए थे साथ में वरुण साईं जी व हरी लीला अमृत सेवा संस्थान वृंदावन धाम से पधारी मानस पुत्री दीदी पुष्पांजलि सवार थी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए व भक्त जनों को दिव्य दर्शन देकर निहाल कर दिया
जगह-जगह कलश यात्रा का आतिशबाजी फूलों की वर्षा से स्वागत किया गया नगर भ्रमण करते हुए 2:00 बजे कलश यात्रा मंदिर पहुंची संतलाल साई जी के द्वारा व्यास पीठ पर बैठी सुश्री पुष्पांजलि दीदी को पाखरं पहनाकर स्वागत किया गया पूज्य सिंधी पंचायत प्रकाश जेसवानी व अन्य भक्त जनों के द्वारा फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया
प्रथम दिन श्रीमद् भागवत कथा मैं अपने अमृतवाणी से भक्तजनों को सुनाई
किस तरह धुंधकारी का 100 बार। गया में पिंडदान किया गया तब भी उसकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिली आखिर में थक हार कर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया जिससे धुंधकारी की आत्मा को मुक्ति मिली वह 7 पीढ़ियों को इस कथा का फल मिलेगा वह पांच पीढ़ी संत बनकर अपने कुल का नाम गर्व से ऊंचा करेगी पित्र पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा कराने से या सुनने से सात जन्मों का फल 7 दिनों में मिल जाता है श्रीमद् भागवत कथा में शात शात भगवान श्री कृष्ण समाए हुए हैं सच्चे मन से अगर कोई 7 दिनों तक इस कथा का रसपान करता है तो उसका यह लोक और परलोक दोनों सवर जाते हैं
जिस तरह बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिलता है उसी तरह बिना भागवत कथा का रसपान किए मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती है
इसलिए आप कहीं भी रहे अगर भागवत कथा कहीं हो रही है तो आप जरूर उसका रसपान करें बड़े भाग्यशाली होते हैं वह लोग जो सत्संग व ऐसी कथाओं में शामिल होते हैं जिनसे उनका जीवन धन्य हो जाए भागवत कथा हमें सिखाती है भाई भाई को कैसे रहना चाहिए बाप बेटे को कैसे रहना चाहिए दोस्त दोस्त को कैसे रहना चाहिए भागवत कथा जीवन का सार है किस तरह राजा परीक्षित का जीवन मात्र 7 दिनों के लिए था और वह 7 दिनों में उन्होंने कोई लोभ लालच नहीं की बल्कि घर से दूर शांत एकाग्र होकर श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया
और अपने सात जन्मों का फल 7 दिनों में पा लिया उसके बाद तो उन्होंने कहा अब मुझे जीने का कोई मोह नहीं ऐसा रसपान करने के बाद कौन आदमी जीना चाहेगा मैं तो जीते जी ही वैकुंठ धाम पहुंच गया अब मुझे किसी भी चीज की लालच मोह नहीं है किस तरह देवता भी अमृत लेकर पहुंचे थे की अमृत ले लो और हमें श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करा दो
अमर होने वाला अमृत भी श्रीमद् भागवत कथा के रसपान के सामने तुच्छ पड़ गया
कथा के बीच बीच में कई भक्ति भरे भजन गाए जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे
व कई गीत ऐसे भी थे जिसे सुनकर भक्तों कीआंखों से आंसू बहने लगे
कार्यक्रम के आखिर में भगवान श्री कृष्ण की आरती की गई विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की गई प्रसाद वितरण किया गया जो भक्तजन किसी कारण वंश भागवत कथा का रसपान करने मंदिर पहुंच नहीं सकते हैं वे भक्तजन निराश ना हो घर बैठे ही श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कर सकते हैं इसका लाइव प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से देख सकते हैं संत लाल साई जी की फेसबुक आईडी में व यूट्यूब पर भी देख सकते हैं
7 दिनों तक भक्तजन अपने घर बैठे भी श्रीमद् भागवत कथा का रस पान कर सकते हैं इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति चकरभाटा बिलासपुर भाटापारा रायपुर भिलाई राजनांदगांव दुर्ग गोंदिया के सभी सेवादारों का विशेष सहयोग रहा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे
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