उद्योगों के धुएं व धूल से वायु प्रदूषण हो रहा,,,हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब
अजय दि्वेदी, बिलासपुर
छत्तीसगढ़ में लगे उद्योगों से निकलने वाली धूल और धुआं से होने वाली वायु प्रदूषण के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से विधिवत जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।आरएन गुप्ता ने प्रदेश के उद्योगों से निकलने वाले स्मोक डस्ट और बुरी तरह फैल रहे प्रदूषण के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। गुप्ता जल संसाधन विभाग से बतौर इंजीनियर इन चीफ सेवानिवृत्त हुए हैं। वे अपनी याचिका पर खुद ही पैरवी करते हैं, इसमें उन्होंने बताया है कि औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में बड़े-बड़े प्लांट चल रहे हैं। जिनसे रोजाना बड़ी तादाद में स्मोक डस्ट निकलती है। इसके अलावा धुआं भी निकलता है। जिससे भारी वायु प्रदूषण हो रहा है। लोगों को इस धूल और धुआं से गंभीर बीमारियां हो रही हैं। उद्योगों के पास इससे बचने के सारे इंतजाम और उपकरण हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व में शासन से जवाब मांगा था। शुक्रवार को शासन की ओर से प्रदूषण पर कोई जवाब नहीं आया। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और पीपी साहू की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से कहा कि आप राज्य के सभी उद्योगों को भी पक्षकार बना लें।
इस मामले की स्वयं पैरवी करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी बातों के लिए नियम कानून बने हुए हैं। इनका विधिवत पालन कराना सरकार की जवाबदारी है। इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इस तर्क के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को विस्तृत जवाब देने का समय देते हुए मामले को सुनवाई के लिए 16 अगस्त को लगाया है।
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