मां शीतला कि महिमा अपरम्पार कुम्हारिन महिला के ऊपर किया उपकार श्रद्धा भक्ति से जीवन धन्य महिला की”

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

मां शीतला कि महिमा अपरम्पार कुम्हारिन महिला के ऊपर किया उपकार श्रद्धा भक्ति से जीवन धन्य महिला की
यमेश्वरी साहू, रायपुर:-एक बार शीतला माता धरती पर भ्रमण कर रही थी मेरी पुजा पाठ कौन कौन करता है। जब धरती में सामान्य अवतार ली शीतला मां राजस्थान कि डोगरी गांव में आ पहुंची।गांव के गलियों में भ्रमण कर रही थी। तभी अचानक किसी ने शीतला मां के ऊपर उबलता चावल का पसीया फेक दिया। मां शीतला के शरीर पर फोड़ा पड़ गया। गांव गांव घुम रही थी। किसी ने सहायता नही किया तभी एक कुम्हारिन कुटिया के पास आ पहुंची। वह कुम्हारिन महिला मां शीतला के स्वरूप से अनजान थी। मां शीतला मानव रूप धारण कर एक वृद्ध महिला के रूप में आयी थी। अनजान महिला के ऊपर दया भाव से बोली कुम्हारिन महिला मां आप मेरी कुटिया में आइए। आपकों शीतल जल से स्नान कराकर दवाईयां लगा दूंगी। फिर आपका दर्द कम होगा। कुम्हारिन महिला मां शीतला को शांत करने और उसके शरीर के तपन दूर करने के लिए ठंडा जल से नहलाती है और बोली मां आप मेरे यहां दही और उससे बनने ठंडे पकवानों को ग्रहन कर लो फिर जल्दी से यह पीड़ा दूर हों जायेगी। मां शीतला वह मिष्ठान ग्रहन करते हुए बोली बिटिया तुम मेरे बाल बना दो और जुएं होंगे उसे देख लो । कुम्हारिन महिला बाल बनाने के लिए जुड़ा खोलती है फिर मां शीतला के पिछे सिर के ठीक नीचे तीसरी आंख दिख गया। अचानक वह डर के भागने के कोशिश करने ही वाली थी फिर मां शीतला प्रकट होकर बोली बिटिया मैं धरती मां मां शीतला हु। देखने आई थी मेरी पुजा धरती पर कौन-कौन करता है। मां शीतला ने कुम्हारिन महिला को आशीर्वाद देते हुए कहां बिटिया तुम्हारी दरिद्रता दूर जायेगी। हमेशा खुश रहना। वहां से चलीं गईं। कुछ दिनों बाद गांव में आग लग गई लेकिन कुम्हारिन महिला का घर सुरक्षित था। गांव वाले राजा के पास ले गए। राजा ने सवाल किया तो मां शीतला कि कृपया के बारे में राजा को ब

Share This Article