बिलासपुर। छह दिनों के बाद दीपावली है। पटाखों के बाजार न केवल सज चुके हैं, बल्कि लोगों ने खरीदना भी शुरू कर दिया है। मगर, ऐन वक्त पर पटाखा जलाने को लेकर संशय की स्थिति निर्मित हो गई है। दरअसल, राज्य सरकार के छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने कलेक्टरो को एनजीटी की गाइडलाइन वाला पत्र भेजा है। इसमें प्रदूषण का खतरा और कोरोना संक्रमण को देखते हुए पटाखा जलाने पर प्रतिबंध जारी करने का निर्देश दिया है।
हालांकि, इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाना है या नहीं, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है। सोमवार को प्रदेश सरकार इसे लेकर मंथन करेगी। इसके आधार पर जिला प्रशासन तय करेगा कि करना क्या है। इसके बाद ही पटाखों को जलाने को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
पर्यावरण संक्षरण मंडल के जारी पत्र में बताया गया है कि पटाखा जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा, वहीं इससे कोरोना का संक्रमण बढ़ने और संक्रमित मरीजों की भी स्थिति बिगड़ सकती है। इसे देखते हुए जिले में पटाखा जलाने को लेकर सख्ती बरती जाए। हांलाकि, अब तक जिला प्रशासन की ओर से इसे लेकर कोई भी निर्देश जारी नहीं किया गया है।
गांवों तक पहुंच चुके हैं पटाखे
जिले में सैकड़ो लाइसेंसधारी पटाखा व्यापारी हैं। इनमें कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, जिन्होंने दिवाली के पखवाड़ेभर पहले से ही पटाखों की खरीदी कर स्टाक कर रखा है। ब्लाक मुख्यालयों में भी पटाखों की बिक्री शुरू हो चुकी है। ऐसे में शासन-प्रशासन स्तर पर किसी तरह की पाबंदी लगाई जाती है, तो उस पर अमल करा पाना प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
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