मेडिकल कालेज जीवित महिला का जारी कर दिया डेथ सर्टिफिकेट

राजेन्द्र देवांगन
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मेडिकल कालेज जीवित महिला का जारी कर दिया डेथ सर्टिफिकेट

महेंद्र मिश्रा,रायगढ़ जीवित महिला अस्पताल में ले रही थी चैन की सांस लेकिन मेडिकल कालेज प्रबन्धन ने जारी कर दिया आदिवासी महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी,घोर लापरवाही आई सामने जब सोसल मीडिया में आदिवासी महिला मृत्यु प्रमाण पत्र एवं वीडियो होने लगा वायरल तब प्रसासन में मचा हड़कंप उच्च शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र खरसिया कि है, महिला के परिजनों ने मीडिया को जीवित होने का वीडियो एवं आधार कार्ड जारी कर मेडिकल कॉलेज के घोर लापरवाही पर जताई आपत्ति एवं दोषियों पर कार्यवाही करने की उठी मांग 45 वर्षीय हरिवंश कुंवर राठिया पति तुलाराम राठिया निवासी ग्राम सोनबरसा खरसिया रायगढ़ बताया जा रहा है।

युक्त आदिवासी महिला को कोविड के उपचार के लिए जिला अस्पताल रायगढ़( मेडिकल कालेज) में भर्ती कराया गया था। जहां जीवित महिला को मृत बताके डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया इतना ही नही महिला के डेथ बॉडी को लेने के लिए अस्पताल प्रबन्धन ने परिजनों को बुला लिया और थमा दिया डेथ सर्टिफिकेट ! मजेदार बात यह है जिनको कोविड-19 की जिम्मेदारी मिली है वो जिम्मेदार अधिकारी फोन तक नही उठाते हैं। .. जारी हुआ नम्बर, जब उक्त मामला सोसल मीडिया में वायरल होने लगा तब बीजेपी नेता ओपी चौधरी ने भी सोसल मीडिया में मामले को उठाया ।. जैसे ही महिला के मृत्यु की सूचना परिजनों को अस्पताल प्रबंधन ने दी उनके परिवार एवं गांव में मातम फैल गया। जब परिजन पहुंचे अस्पताल तो जीवित मिली महिला- परिजनों में आक्रोस दरअसल इस बारे में ग्राम सोनबरसा के पूर्व सरपंच ने मीडिया को बताया कि 45 वर्ष हरिवंश कुवर राठिया कोविड पॉजिटिव थी। रायगढ़ जिले के खरसिया के सोनबरसा की रहने वाली है। उन्हें केआईटी कॉलेज स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 25 अप्रेल को दोपहर महिला के दामाद मोबाइल पर फोन आया कि 2:30 बजे के करीब उनकी सास हरिवंश कुवर राठिया का देहांत हो गया है। कल सुबह 11:00 बजे आप उनकी लाश ले जा सकते हैं। खबर सुनते ही घर में मातम छा गया जैसे दुख का पहाड़ सर पर टूट पड़ा हो।जब पत्रकारोँ ने मंत्री से मामले की जानकारी लेने लगाया फोन तो पीएसओ ने उठाया फोन कहा मंत्री जी हैं मीटिंग में ऐसा नहीं कि जिले में पहली बार हुआ है यह तो महीने में ऐसी दूसरी घटना है। इसके पहले सारंगढ़ की एक महिला के साथ में ऐसा हो चुका है। जब मामला खरसिया विधानसभा क्षेत्र उच्च शिक्षा मंत्री के क्षेत्र का मामला होने के कारण जानकारी लेने फोन से सम्पर्क करने पर मंत्री जे के फोन को उनके पीएसओ के द्वारा उठाया गया पहले तो पूरे मामले को सुन लिया गया किंतु जब उक्त मामले में दोषियों पर कार्यवाही के सम्बंध में पूछने पर उन्होंने खुद को मंत्री जी का पीएसओ बताते हुए मंत्री जी को मीटिंग में होने से बात नहीं हुई ऑफ द रिकॉर्ड और विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से बहुत सारी बातें मामले में सामने आई। सबसे पहली बात जो समझ में आयी। कि जिस रफ्तार से रायगढ़ में मरीज बढ़ रहे हैं, उस रफ्तार से प्रशासन अपनी व्यवस्था बढ़ाने में तो लगा हुआ है; मगर उसके इस रास्ते में एक सबसे बड़ा रोड़ा आ रहा है तो वह है मेडिकल स्टाफ की कमी! मेडिकल स्टाफ पर वर्क लोड बहुत ज्यादा है। पेशेंट उम्मीद से ज्यादा आ रहे हैं, स्टाफ भर्ती प्रक्रिया भी प्रोसेस में है। सुबे के मंत्री उमेश पटेल ने भी कल वीडियो कॉन्फ्रेंस लेकर जिले में कोविड-19 के हालात को लेकर समीक्षा ली थी। जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 1000 ऑक्सीजन बेड लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए पर्याप्त मेडिकल स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने चिकित्सा सामाग्री व उपकरणों तथा मैन पावर के लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग करने के लिए कहा। लेकिन जब मंत्री के विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी महिला को मृत होने प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया तो अब लापरवाही बरतने वालो पर क्या कार्यवाही होगी यह चर्चा आम जनमानस में व्याप्त है।

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