पत्रकारिता को देश का चौथा स्तम्भ बताया जाता रहा है , लेकिन पत्रकरो के साथ देश का कानून ही उपहास करता आ रहा है
पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का दम्भ भरने वाली कांग्रेस सरकार में पत्रकार सुरक्षिपत्रकरो पर ब्लेक मेलिंग का आरोप लगना कोई नई बात नही है
आये दिन पत्रकरो को खबर के नाम से धमकियां मिलती आ रही है
भले ही पत्रकारिता को देश का चौथा स्तम्भ बताया जाता रहा है । लेकिन पत्रकरो के साथ देश का कानून ही उपहास करता आ रहा है ।
जिसकी जिंदा मिशाल कई है । उन्ही में से एक मामला छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी रायपुर में सामने आया है
जंहा आजतक चैनल के पूर्व पत्रकार सुनील नामदेव को पुलिस ने ब्लेक मेलिंग जैसे मामले में दोषी करार देकर देश के चौथे स्तम्भ में प्रहार किया है
हम बता दे कि पत्रकार अपने जान माल को दांव में रखकर प्रशासन की खामियों को सरकार व लोगो के सामने लाने का प्रयास करती है ।
कई मामलों में सरकार को उनके चलाये जा रहे योजनाओ का संचालन कितना जमीनी स्तर पर किया जा रहा है , उसकी जानकारी देती आ रही है
ऐसे में जब भी कोई उच्चाधिकारी की गर्दन पत्रकार के हाथों में आ जाती है । तब उच्चाधिकारी अपने बचाव के लिए पहले धमकियां दिलवाता है
जब इससे भी बात न बने तब पैसे सेखरीडने की कोशिश करता है । इससे भी बात नही बनती तो अधिकारी पत्रकार के विरुद्ध ब्लेक मेलिंग जैसे अपराध को मढ़कर उसको कानून के शिकंजे में जकड़ने का प्रयास करता है । जो बिल्कुल भी सही नही है
पत्रकारों की सुरक्षा व एकता के लिए कई तरह के संगठन वर्तमान में चल रहे है । किसी न किसी संगठन में हर पत्रकार अपनी सदस्य्ता लिए बैठा है
इसके लिए पत्रकरो से संगठन एक निश्चित राशि की मांग भी करता है । पत्राकार किसी तरह उस राशि का भुगतान संगठन के लिए कर भी रहा है । पर बड़ी बिडम्बना ही कहा जायेगा कि जब कोई पत्रकार पर इस तरह की आंच आती है । तब वही संगठन उस फसे पत्रकार की ओर आंखे फेर लेता है
छत्तीसगढ़ राज्य में पत्रकारों के साथ होने वाला कोई पहला मामला नही है । पर छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी जंहा राज्य के मुख्यमंत्री का निवास है वंहा पत्राकारों के साथ किया जा रहा व्यवहार समझ से परे है
इसी तरह पत्रकरो के साथ व्यवहार होता रहा तो शायद वो दिन दूर नही जब कोई भी पत्रकार सरकार के योजनाओ को अपने खबरों में स्थान देने से दूरी बनाता नजर आएगा
पत्रकार सुनील नामदेव के खिलाफ किये गए कार्यवाही की पूरा पत्रकार जगत निदा करता है और छत्तीसगढ़ सरकार से अपील करता है कि सुनील नामदेव के खिलाफ दर्ज किया गया मामला को शून्य घोषित कर उन्हें मुक्त करने की ओर अपना सार्थक कदम उठाए
Editor In Chief