शौचालय में भारी अनियमितता, ग्रामीणों ने खोला भ्रष्टाचार का राज:-●
27-अक्टूबर,2020
नीलेश मसीह की रिपोर्ट:-
(सवितर्क न्यूज़) ग्राम पंचायत सीस में प्रधानमंत्री आवास योजना , स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय में भारी अनियमितता देखने को मिली है। ग्रामीणों का मानना है की यहां ग्राम पंचायत सीस के किसी भी हितग्राही को सरकार की किसी भी योजना का पूरा फायदा नहीं मिल रहा है और सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक मिलकर बंदरबांट इस योजना का कर रहे हैं ।
कोटा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सीस के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। सीस ग्राम पंचायत में 497 स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय बनाने का काम स्वयं हितग्राही द्वारा किया गया , उपसरपंच ने बताया की 59 लाख 64 हजार रुपए इसका आहरण कर चुके हैं लेकिन हितग्राही को एक भी रुपया नहीं दिया गया है। लेकिन किसी भी हितग्राही को शासन द्वारा मिलने वाली ₹12000 की राशि नहीं मिल पायी है। सीस ,रमदई में कुल आवेदन शौचालय हेतु 497 था जिसमें 216 के द्वारा हस्ताक्षर कर जनपद पंचायत कोटा सीईओ से शिकायत की गई।
ग्रामीणों द्वारा पता करने पर मालूम हुआ की सचिव कुमार मरावी व पूर्व सरपंच श्री कैलाश महिलांगे द्वारा मिलीभगत कर हितग्राहियों के शौचालय का पैसा खाते निकाला गया है। एक हितग्राही ने बताया कि यदि स्वयं की मदद से शौचालय नहीं बनवाया तो उसे राशन और पंचायत से मिलने वाली सुविधाएं बंद कर दी जाएगी। इस कारण लोगों ने स्वयं के खर्च पर शौचालय निर्माण कराया गया ।
इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को 25000 पहली किस्त ही दिया गया है उसके बाद कुछ भी हितग्राहियों को उनके खाते में नहीं डाला गया है। कई लोग तो स्वयं अपना मकान बनाए हैं लेकिन अभी तक उन्हें आगे की किस्त नहीं मिल पाई है और घर भी अधूरा बना खड़ा है ।
मछुआ सहकारी समिति के सदस्य श्री कुंज राम केवट ने बताया कि 4 तालाब को 10000 वार्षिक किस्त की दर से 10 साल के लिए पट्टा में लिया गया है परंतु आज तक पंचायत में कोई लेखा-जोखा इसका है ही नहीं।और कार्यवाही रजिस्टर को फाड़ दिया गया है तथा पुरानी प्रस्ताव की कोई भी कॉपी पंचायत में नहीं है इधर- उधर कर दिया गया है। पंचायत के प्रतिनिधि ने बताया ।
सड़क निर्माण भी अपूर्ण
इसी ग्राम पंचायत में मंतराम के घर से लेकर बांध तक रोड निर्माण अधूरा है जिससे आवागमन में लोगों को खासी परेशानी होती है।
*कदमाही तालाब में गहरीकरण में भी भ्रष्टाचार* –
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा कदमाही तालाब की खुदाई की गई लेकिन गहरीकरण में लगभग एक लाख का भ्रष्टाचार ग्रामीणों द्वारा बताया गया
है। उनके द्वारा बताया गया कि तालाब में खनन के दौरान पानी भरने के बाद ग्राम पंचायत सचिव व रोजगार सहायक द्वारा तालाब खुदाई को बंद कर दिया गया जिससे वह खुदाई अधूरा हो गया।
रोजगार सहायक द्वारा भारी भ्रष्टाचार
ग्रामीणों ने और पंचायत ने मिलकर इस भ्रष्टाचार को उजागर किया है कि रोजगार सहायक श्रीमती किरण दुबे ने फर्जी मस्टररोल में 19 सितंबर से 24 सितंबर 2020 तक तथा 25 सितंबर से 30 सितंबर 2020 तक गांव में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया गया था लेकिन मस्टर रोल फर्जी तरीके भरा गया और हितग्राहियों का हस्ताक्षर फर्जी रूप में किया गया दर्शित होता है।
सूचना के अधिकार की उड़ रही धज्जियां
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 मात्र एक नियम रह कर रह गया है और जानकारी आवेदक द्वारा मांगे जाने पर इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है इसी तारतम्य में सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 14वें वित्त वित्त की जानकारी सत्र 2016 से 2019 तक मांगी गई थी वह शौचालय बनने की पूर्ण जानकारी भी 2018 में सीस के पंचायत प्रतिनिधि द्वारा मांगी गई जब थी जिसकी जानकारी भी कोटा जनपद के सीईओ व ग्राम पंचायत सीस के सचिव द्वारा नहीं दी गई।
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