रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। काउंसिल के रजिस्टार अश्वनी गुर्देकर और कर्मचारियों अनिरुद्ध मिश्रा व महावीर सिंह पर फार्मासिस्टों से रजिस्ट्रेशन के लिए तय शुल्क से अतिरिक्त 5000 रुपये वसूलने के आरोप लगे हैं।
पहले भी कई बार ऐसे आरोप लग चुके है जिसमें पैसे की हेरा फेरी, लेन देन और कार्य सही से नहीं होने के आरोप सामने आए थे ।
काउंसिलिंग के सदस्य भगत राम शर्मा और बिलासपुर के एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट ने शपथपत्र के साथ यह शिकायत स्वास्थ्य आयुक्त अमित कटारिया को सौंपी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि सभी शैक्षणिक और जरूरी दस्तावेज सही होने के बावजूद रजिस्ट्रेशन के नाम पर अवैध वसूली की गई।
शिकायत पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही फार्मेसी काउंसिल के सभी वित्तीय लेन-देन की जांच के लिए समिति गठन करने के निर्देश दिए गए हैं।
फार्मासिस्टों की मांग
अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन और राज्य की अन्य फार्मासिस्ट एसोसिएशनों व सभी फार्मासिस्टों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संगठनों का कहना है कि बार-बार काउंसिल में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए रजिस्टार अश्वनी गुर्देकर और अन्य आरोपित कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
रजिस्टार का बयान
इस पूरे मामले में रजिस्टार अश्वनी गुर्देकर ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्हें फंसाने के लिए साजिश की जा रही है। “सभी शिकायतें केवल भगत राम शर्मा के पास से ही क्यों आती हैं? सबूत मांगने पर कोई साक्ष्य क्यों नहीं देता?” – उन्होंने सवाल उठाया।