दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग ने बुधवार को रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक ली। इन मामलों में पुलिस आरोपी के खिलाफ अपराध साबित करने में नाकाम रही थी। बैठक में ऐसे कुल 259 प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई।
गंभीर मामलों में तुरंत गिरफ्तारी का निर्देश
आईजी गर्ग ने स्पष्ट कहा कि जिन मामलों में अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, वहां अभियुक्तों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आदेश दिया कि ऐसे मामलों का अलग से रिकॉर्ड रखा जाए और यदि गिरफ्तारी नहीं हो पाती है, तो उसके ठोस कारण दर्ज कर जिम्मेदारी तय की जाए।
जांच व अभियोजन में लापरवाही पर जवाबदेही
बैठक में आईजी ने इस बात पर जोर दिया कि जिन कारणों से दोषमुक्ति हो रही है, उनका बारीकी से अध्ययन कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। साथ ही चेतावनी दी कि विवेचना और अभियोजन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
झूठी शिकायतों पर सख्ती
आईजी गर्ग ने कहा कि झूठी शिकायतें दर्ज कराने या निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने वाले मामलों में पुलिस को सख्त रुख अपनाना होगा। अभियोजन अधिकारी अदालत में ऐसे आरोपियों के खिलाफ प्रतिवेदन प्रस्तुत करें, ताकि न्यायिक प्रक्रिया मजबूत हो और निर्दोष व्यक्तियों को परेशानी न झेलनी पड़े।
बैठक में शामिल अधिकारी
समीक्षा बैठक में दुर्ग रेंज के कई अधिकारी शामिल रहे। इनमें संयुक्त संचालक अभियोजन दुर्ग एस.एस. ध्रुव, उप निदेशक अभियोजन दुर्ग अनुरेखा सिंह, सहायक जिला अभियोजन बालोद प्रमोद घृतलहरे, उप निदेशक अभियोजन बेमेतरा आशीष कुमार सिन्हा, सहायक जिला अभियोजन बेमेतरा विनय अग्रवाल शामिल थे।
इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग पद्मश्री तंवर, एएसपी बेमेतरा ज्योति सिंह, एएसपी बालोद मोनिका ठाकुर, डीएसपी शिल्पा साहू, उप निरीक्षक राजकुमार प्रधान और पुलिस पीआरओ प्रशांत कुमार शुक्ला भी मौजूद रहे।