छात्रावास में नाबालिग छात्रा मिली गर्भवती: कांग्रेस का बड़ा आरोप – “प्रशासन दोषियों को बचा रहा है” भोपालपटनम की घटना से मचा हड़कंप, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

राजेन्द्र देवांगन
4 Min Read

बीजापुर/छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भोपालपटनम कन्या छात्रावास में 12वीं की एक नाबालिग आदिवासी छात्रा के गर्भवती पाए जाने से पूरे जिले में सनसनी फैल गई है। मामला सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में भी उबाल है। कांग्रेस ने प्रशासन पर मामले को दबाने और दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस की टीम ने किया छात्रावास का दौरा

शनिवार को कांग्रेस की नौ सदस्यीय जांच समिति ने भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी के नेतृत्व में छात्रावास का निरीक्षण किया। टीम ने छात्राओं, हॉस्टल स्टाफ, शिक्षकों और स्वास्थ्य अधिकारियों से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी जुटाई।

मंडावी का बड़ा बयान: “सच्चाई को दबाया जा रहा है”

बीजापुर में आयोजित प्रेसवार्ता में विधायक सावित्री मंडावी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,

> “यह एक शर्मनाक घटना है, जिसे छिपाने की कोशिश की गई। छात्रा की गर्भावस्था की जानकारी होते हुए भी अधिकारियों ने मामले को दबाया और पीड़िता के परिजनों को चुपचाप छात्रा को घर भेजने का दबाव बनाया गया।”

उन्होंने यह भी कहा कि अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और जांच टीम को पीड़िता के परिवार से मिलने से रोका गया।

भाजपा शासन पर भी हमला

विधायक मंडावी ने कहा कि भाजपा के शासन में आदिवासी, महिलाएं, किसान और छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस इस मुद्दे पर जनआंदोलन करेगी।

विधायक विक्रम मंडावी ने दी सड़कों पर उतरने की चेतावनी

बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने भी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि,

> “अगर पीड़िता को न्याय नहीं मिला, तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।”

कांग्रेस की जांच समिति में वरिष्ठ नेता शामिल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें विधायक सावित्री मंडावी के साथ देवती कर्मा, नीना रावतिया, सरिता चापा, गीता कमल, निर्मला मरपल्ली, रिंकी कोरम, पार्वती कश्यप और अनिता तेलम को शामिल किया गया है।

सुरक्षा और निगरानी पर खड़े हुए सवाल

जांच समिति के सदस्यों ने कहा कि यह घटना प्रशासन की गंभीर लापरवाही और छात्रावास में सुरक्षा की अनदेखी का परिणाम है। उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासी अंचलों में रहने वाली बेटियों की सुरक्षा किसकी जिम्मेदारी है?

मौके पर जुटे कांग्रेस नेता

इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष लालू राठौर, जिला पंचायत सदस्य सुलोचना कर्मा, महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता और कई अन्य स्थानीय नेता भी मौके पर मौजूद रहे।

निष्कर्ष:

भोपालपटनम की यह घटना सिर्फ एक छात्रा की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है। जहां एक ओर बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा की बात की जाती है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की चुप्पी और उदासीनता से ऐसी घटनाएं बेटियों के भविष्य को अंधेरे में धकेल रही हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन कब जागता है और दोषियों पर कब तक कार्रवाई होती है।

Share This Article