छत्तीसगढ़ के बेरला थाना क्षेत्र के ग्राम बुचीडीह लेंजवारा में 6-7 जुलाई की दरम्यानी रात हुई युवक अभिषेक सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने मृतक की पत्नी रीना उर्फ जंगो बाई को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पारिवारिक विवाद और घरेलू हिंसा के चलते पत्नी ने पति की गला रेतकर हत्या कर दी।
झूठी कहानी गढ़कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
बिहार निवासी अभिषेक सिंह अपनी पत्नी रीना के साथ पिछले छह-सात वर्षों से बुचीडीह के पारधीपारा में रह रहा था। 6 जुलाई की रात खाना खाने के बाद दोनों सो गए। देर रात करीब 1:30 बजे रीना अपने मायके पहुंची और बताया कि अभिषेक पर किसी ने हमला कर दिया है। उसने पुलिस को भी एक अज्ञात हमलावर की कहानी बताकर भ्रमित करने का प्रयास किया, जिससे जांच में देरी हुई।
हत्या का खुलासा और आरोपी की गिरफ्तारी
एसपी के निर्देश पर एसडीओपी विनय कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने मृतक के परिजनों, रिश्तेदारों और गांव के लोगों से पूछताछ की। जांच के दौरान जब रीना की कहानी में विरोधाभास नजर आया, तो उससे सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में रीना ने जुर्म कबूल कर लिया।
उसने बताया कि घटना की रात अभिषेक शराब के नशे में घर लौटा और बंद दरवाजा देखकर खिड़की से भीतर घुसा। घर में आते ही उसने रीना से गाली-गलौज की और मारपीट करते हुए दीवार पर पटक दिया, जिससे रीना घायल हो गई। पति के सो जाने के बाद, गुस्से और प्रताड़ना से तंग आकर रीना ने सब्जी काटने वाले लोहे के हसिया से उसकी गर्दन पर वार कर हत्या कर दी।
सबूतों की जब्ती और न्यायिक रिमांड
रीना की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हसिया, मृतक का लॉकेट, चांदी की चेन और अन्य साक्ष्य बरामद किए गए। इसके बाद महिला आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में अदालत में पेश किया गया।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह, प्रधान आरक्षक नोहर यादव, दीनानाथ यादव, महिला प्रधान आरक्षक पूनम सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।
घरेलू हिंसा का खौफनाक परिणाम
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि घरेलू हिंसा और आपसी झगड़े किस हद तक घातक हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां कभी पति पत्नी पर अत्याचार कर रहे हैं, तो कभी पत्नी अपने पति की जान ले रही है।
ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए न केवल सख्त कार्रवाई जरूरी है, बल्कि पति-पत्नी के बीच संवाद और समझ बढ़ाने के लिए काउंसलिंग सेंटर की स्थापना और जागरूकता अभियान की भी महती आवश्यकता है।