
बिलासपुर । झीरम घाटी मामले में संयंत्र के संबंध में दरभा पुलिस थाने में दायर एफआईआर के खिलाफ एएनआई की याचिका पर अंतिम सुनवाई से पहले जितेंद्र मुदलियार ने पक्षकार बनाने के लिए एक आवेदन दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। 25 मई 2013 को, झीरम घाटी हमले में नक्सलियों द्वारा राज्य कांग्रेस के प्रमुख नेताओं सहित 30 लोगों को घात लगाया गया था। इस घटना में मारे गए पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने पिछले साल 25 मई 2020 को दरभा पुलिस थाने में धारा 302 और 120 के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की थी और इस घटना के पीछे की साजिश की जांच की मांग की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर और जांच के खिलाफ एनआईए अदालत में एक आवेदन दायर किया। एनआईए की अपील अदालत ने खारिज कर दी थी। एनआईए ने तब उच्च न्यायालय में एक आपराधिक अपील दायर की और जांच पर रोक लगाने की मांग की।
हाईकोर्ट ने फैसला आने तक जांच पर रोक लगा दी है। आज अंतिम सुनवाई होनी थी। इस बीच, जितेंद्र मुदलियार की ओर से अदालत में एक आवेदन दायर कर खुद को पार्टी बनाने की मांग की गई। न्यायमूर्ति मणींद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति विमला कपूर की डबल बेंच ने उन्हें एक सप्ताह के भीतर आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और सुनवाई अगले सप्ताह के लिए बढ़ा दी। आज की सुनवाई में, एनआईए का प्रतिनिधित्व राज्य सरकार की ओर से सहायक सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा, एडवोकेट सतीश चंद्र वर्मा और जितेंद्र मुदलियार की ओर से संदीप दुबे और सुदीप श्रीवास्तव ने किया।

