गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में मोहम्मद सलीम शेख पर बुजुर्ग की जमीन हड़पने का आरोप, सर्व हिंदू समाज का आंदोलन

राजेंद्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में मोहम्मद सलीम शेख और अन्य आरोपियों—मोहम्मद यूसुफ शेख, कादिर खान, और कलीम खान (राजा)—पर एक बुजुर्ग की जमीन हड़पने, अवैध कब्जे, धमकी देने, और कथित “भूमि जिहाद” व “लव जिहाद” के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले को लेकर सर्व हिंदू समाज ने विशाल सभा का आयोजन किया और मरवाही के एसडीएम प्रफुल्ल रजक को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर 15 दिनों के भीतर जांच और कार्रवाई की मांग की है। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।

मामले का विवरण
सर्व हिंदू समाज ने आरोप लगाया कि मोहम्मद सलीम शेख और उनके सहयोगियों ने एक बुजुर्ग की जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की और धमकियां दीं। समाज ने इसे “भूमि जिहाद” का हिस्सा बताते हुए दावा किया कि यह क्षेत्र में सुनियोजित तरीके से जमीन हड़पने की साजिश है। इसके अलावा, “लव जिहाद” के आरोप भी लगाए गए हैं, हालांकि इस संबंध में विशिष्ट विवरण अभी स्पष्ट नहीं है। सभा में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें भाजपा नेता बृजलाल सिंह राठौर, राजेश अग्रवाल, और किशन सिंह ठाकुर प्रमुख थे।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
मरवाही थाना प्रभारी शनिप रात्रे ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, और आरोपों की तह तक जाने के लिए तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में समाज ने निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की है, साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।

सामाजिक और राजनीतिक माहौल
इस घटना ने जिले में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। सर्व हिंदू समाज के आंदोलन और “भूमि जिहाद” व “लव जिहाद” जैसे संवेदनशील आरोपों ने स्थानीय स्तर पर चर्चा को और गरमा दिया है। भाजपा नेताओं की मौजूदगी से इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। समाज का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति की जमीन का मामला नहीं, बल्कि क्षेत्र में कथित तौर पर चल रही व्यापक साजिश का हिस्सा है।

आगे की राह
सर्व हिंदू समाज ने प्रशासन को 15 दिन का समय दिया है, जिसके बाद वे आंदोलन को तेज करने की योजना बना रहे हैं। मरवाही पुलिस और जिला प्रशासन पर इस मामले में निष्पक्ष और तेजी से कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। इस बीच, यह मामला स्थानीय समुदाय में संवेदनशीलता के कारण और चर्चा का विषय बना हुआ है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)