बिलासपुर सेंट्रल जेल से चोरी के आरोपी राजा गोंड फरार, 22 फीट दीवार कूदकर भागा, फिर पकड़ा गया

राजेंद्र देवांगन
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बिलासपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली एक घटना 8 जून 2025 को सामने आई, जब चोरी के मामले में विचाराधीन बंदी राजा गोंड (22) ने 22 फीट ऊंची दीवार कूदकर फरार होने का साहसिक प्रयास किया। हालांकि, कुछ घंटों बाद उसे सरकंडा क्षेत्र से पुलिस ने पकड़ लिया। इस घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी।

घटना का विवरण
मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम गतौरा निवासी राजा गोंड को 3 मई 2025 को चोरी के एक मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। चोरी का माल बरामद होने के बाद उसे बिलासपुर सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में रखा गया था। 8 जून की शाम, राजा ने जेल के अस्पताल वार्ड की छोटी दीवार को पार किया और फिर 22 फीट ऊंची मुख्य दीवार पर चढ़कर बाहर कूद गया। प्रहरी रोशन साहू ने उसे छलांग लगाते देखा और तुरंत व्हिसिल बजाकर अन्य प्रहरियों को सूचित किया, लेकिन तब तक राजा फरार हो चुका था।

जेल की सुरक्षा पर सवाल
जेल प्रशासन का दावा है कि मुख्य दीवार में 11 केवी का करंट प्रवाहित होता है, फिर भी राजा सभी सुरक्षा घेरों को तोड़कर भाग निकला। इस घटना से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि प्रहरियों को भागने की भनक तक नहीं लगी। जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने घटना की पुष्टि की और मामले की जांच शुरू होने की बात कही।

कैसे पकड़ा गया राजा गोंड?
फरार होने के बाद राजा गोंड ग्राम बैमा पहुंचा। वहां उसे देखकर एक परिचित ने घबराहट में 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और सरकंडा क्षेत्र से राजा को गिरफ्तार कर लिया। देर रात उसे फिर से सेंट्रल जेल में दाखिल कराया गया। इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली।

प्रशासन की कार्रवाई
जेल प्रबंधन ने पहले अपने स्तर पर राजा की तलाश की, लेकिन असफल रहने पर पुलिस कंट्रोल रूम को उसकी फोटो और जानकारी साझा की। घटना के बाद जेल प्रशासन ने उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया और सुरक्षा व्यवस्था में चूक की जांच शुरू की।

सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत
यह घटना बिलासपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा में बड़ी खामियों को उजागर करती है। 22 फीट ऊंची दीवार और कथित करंट युक्त तारों के बावजूद एक बंदी का इस तरह फरार होना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए जेल प्रशासन को सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)