बिलासपुर। बिलासपुर एक तेजी से निर्मित होने वाला नगर है और छत्तीसगढ़ के अति महत्वपूर्ण शहरों में से एक शहर है हम बिलासपुर वासियों के लिए यह हर्ष का विषय है कि केन्द्र सरकार द्वारा 23 जून 2017 को 100 स्मार्ट सिटी के अंतर्गत एक हमारा बिलासपुर शहर भी चयनित हुआ है। आगामी समय में बिलासपुर शहर में होने वाले विकास कार्यो को अनदेखी नहीं किया जा सकता। बिलासपुर का वर्तमान ए.बी.डी. क्षेत्र 2017 के प्रारंभ में किया गया था, ए.बी.डी. क्षेत्र में थोक व खुदरा उपस्थित आवासीय, संस्थागत और उपयोगिता क्षेत्रों और अन्य जन सांख्यिकी की समान उपस्थित के साथ वाणिज्यिक क्षेत्र के गणक शामिल थे। बिलासपुर नगर सीमा में काफी बृद्धि हुई है और शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है। चूंकि वर्तमान ए.बी.डी. क्षेत्र पुराने शहर के केन्द्र में है जिसे अच्छी तरह से योजनाबद्ध नहीं किया गया था, जब इसे बनाया गया था, तो इस भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में स्मार्ट सिटी की सभी परियोजनाओं का कियान्वयन एक बड़ी चुनौती है इसके अतिरिक्त इस बड़ी आबादी क्षेत्र को स्मार्ट परियोजनाओं का लाभ पहुचाने के लिए शहर का विस्तार और समावेश परिहार्य होगा । स्मार्ट सिटी विकसित करने और नागरिकों को अत्याधिक मात्रा में लाभ पहुचाने बिलासपुर शहर के ए.बी.डी. क्षेत्र में अरपापार सरकंडा क्षेत्र को शामिल करना अति आवश्यक एवं बिलासपुर शहर के लिए जनहितैषी कार्य होगा, बिलासपुर की नगर निगम सीमा को 30 वर्ग कि.मी. से बढ़ाकर 130 वर्ग किलोमीटर कर दी गई है, परिणामस्वरूप आबादी का नए क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है । मौजुदा ए.बी.डी. क्षेत्र (पुराना बिलासपुर) में स्मार्ट सिटी विकास को प्रतिबंधित करने से स्मार्ट सिटी की सुविधाएं सीमित आबादी तक पहुच पाएंगी, शहर विकास में अपनी महती भूमिका अदा करने वाले विकासशील, प्रगतिशील अरपापार सरकण्डा को स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत न लिया जाना न केवल इस क्षेत्र के साथ भेदभाव है अपितु यह विकास विरोधी निर्णय साबित नहीं होगा। बिलासपुर शहर का अरपापार सरकंडा क्षेत्र बहुत तेजी से विकसित हुआ है इसके साथ ही समीपस्थ ग्रामीण अंचल के लिये विभिन्न व्यापार का केन्द्र भी बना है केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं एस.ई.सी.एल. मुख्यालय जो संपूर्ण प्रदेश के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से एवं शैक्षणिक विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण केन्द्र है वह भी अरपापार सरकंडा क्षेत्र में स्थित है । सरकण्डा , चाटीडीह, लिंगियाडीह, बहतराई बिरकोना, खमतराई, मोपका, चिल्हाटी, कोनी, जैसे सांस्कृतिक धरोहर वाले क्षेत्रों से बना यह अर्पापार सरकण्डा बिलासपुर नगर का सदैव गौरव बढ़ाने का कार्य किया है। इसके अतिरिक्त बिलासपुर नगर निगम के विस्तार में लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र अरपापार सरकंडा में स्थित है। बिलासपुर के वर्तमान ए.बी.डी. क्षेत्र में समस्त ए.बी.डी. परियोजनाओं को में कहीं न कहीं खुले स्थान की अनउपलब्धता-संस्थानों की दुरगमता, वर्षों पुराने अतिकमण से गुजरना होगा, परन्तु यदि अरपापार सरकंडा को स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत जोड़ा जाता लागु करने है। तो शासकीय भूमि की अधिकता, नवीन परियोजनाओं के लिए सुगमता एवं नगण्य अतिकमण होने के कारण योजनाओं को अति प्रभावशील एवं सर्वहितैषी होने की अपार संभावना है। उक्त प्रस्तावित ए.बी.डी. क्षेत्र में अरपापार सरकंडा क्षेत्र को जोड़ने से स्मार्ट सिटी के अंतर्गत निधियों का सदुपयोग किया जा सकेगा. जबकि वर्तमान प्रस्तावित ए.बी.डी.क्षेत्र में निधियों का सदुपयोग चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त करने में अक्षम होने की संभावना है 500 करोड़ रू. केन्द्र सरकार एवं 500 करोड़ रूपय राज्य सरकार से यदि किसी स्म्मासिटी परियोजना को प्राप्त हो रहा है तो शासन की जिम्मेदारी होती है कि उक्त शहर के समस्त महत्वपूर्ण क्षेत्र में विकास हो ऐसा सुनिश्चित करने वाली परियोजना लाई जाए। जबकि अरपापार सरकंडा जैसे अतिमहत्वपूर्ण क्षेत्र को स्मार्ट सिटी में नहीं जोड़ा जाना एक बहुत बड़ी भूल साबित होगी इसलिए हम सब अरपापार सरकंडा वासी शहर के विकास हेतु आपसे अनुरोध करते हैं कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के सर्वागिकण विकास हेतु अरपापार सरकंडा को आवश्यक रूप से समाहित किया जाए। चूंकि स्मार्टसिटी परियोजना केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और आप हमारे सांसद होने के नाते अभिभावक भी हैं, अतः आपसे सविनय आग्रह है कि हमारी उक्त भावना जो हमारी आवश्यकता भी है को पूर्ण कराने हेतु आप अपने स्तर से अभिमत के साथ आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित करें। इस आशा और विश्वास के साथ कि आप “हम अरपापार सरकण्डा वासियों ” की इस मूलभावना को अंगीकार करते हुए अतिशीघ्र सरकण्डा वासियों को स्मार्ट सिटी परियोजना का लाभ दिलाने की महती कृपा करेंगे। इस अवसर पर सरकण्डा क्षेत्र के पार्षद बड़ी संख्या में मौजुद रहे। जिन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी मांग भी जरूर पृरी होगी।
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