रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब सरकारी कामों के लिए महीनों दफ्तरों के चक्कर काटने की झंझट खत्म होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने राज्य के बड़े विभागों की 13 अहम सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाने का बड़ा फैसला लिया है। इसका सीधा मतलब है — अब तय समय के भीतर काम पूरा करना अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी, और देरी होने पर सीधे जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रदेश सरकार का यह कदम सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने, प्रक्रिया को तेज करने और जनता के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
ये हैं वो 13 सेवाएं, जिन पर अब टाइम फिक्स
- पर्यावरण मंजूरी (Environment Clearance)
- औद्योगिक लाइसेंस (Industrial License)
- माप-तौल प्रमाणन (Weights and Measures Certification)
- टाउन प्लानिंग अनुमोदन (Town Planning Approval)
- जल उपयोग परमिट (Water Usage Permits)
- भूजल उपयोग अनुमति (Ground Water Use Permit)
- फैक्ट्री लाइसेंस नवीनीकरण (Factory License Renewal)
- उद्योग स्थापना अनुमति (Industry Establishment Permission)
- वाणिज्यिक माप-तौल उपकरण सत्यापन (Commercial Weighing/Measuring Equipment Verification)
- निर्माण योजना स्वीकृति (Building Plan Approval)
- व्यावसायिक प्रतिष्ठान पंजीयन (Commercial Establishment Registration)
- प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (Pollution Control Certificate)
- जल संरचनाओं की निर्माण अनुमति (Construction Permission for Water Structures)
अब चाहे पर्यावरण संबंधी अनुमति लेनी हो या उद्योग के लिए लाइसेंस चाहिए हो, टाउन प्लानिंग की मंजूरी हो या जल संसाधन से जुड़े किसी प्रोजेक्ट की अनुमति — सब कुछ तय समय में मिलेगा।
अब रफ्तार और भरोसे की गारंटी
सरकार का कहना है कि इस फैसले से सरकारी कामकाज में न सिर्फ रफ्तार आएगी, बल्कि आम जनता में भरोसे का माहौल भी बनेगा। लंबे समय से चली आ रही फाइलों को टालने-लटकाने की प्रवृत्ति पर सख्त लगाम लगेगी। कोई अधिकारी यदि जानबूझकर काम में देरी करेगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई तय है।
आने वाले समय में और भी सेवाएं होंगी शामिल
सूत्रों के मुताबिक, विष्णुदेव साय सरकार यहीं नहीं रुकने वाली। भविष्य में और भी सरकारी सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के दायरे में लाने की योजना है। इसका मकसद छत्तीसगढ़ को तेज, पारदर्शी और निवेश के लिए सबसे आकर्षक राज्य बनाना है। इससे आम लोगों के रोजमर्रा के काम भी बेहद आसान हो जाएंगे और उद्योगों का भरोसा भी बढ़ेगा।