रायगढ। जुड़वां छत्तीसगढ़ी जंगल रूट के जरिए लगातार मवेशी तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए पुलिस ने तीन अलग-अलग स्थानों से कुल 98 पशुओं को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया और सात आरोपियों को गिरफ्तार किया।
जोबी क्षेत्र में कार्रवाई
जोबी थाना क्षेत्र में मिली सूचना पर पहुंची पुलिस ने दिलहरण यादव (31) व छेडू साहू (60) को हिरासत में लिया। इनके कब्जे से दस्तावेजहीन 22 मवेशी बरामद किए गए, जिन्हें मारते-हांकते बुचड़खाने ले जाया जा रहा था।
काफरमार में दस्तावेजी जांच
काफरमार इलाके में रिकी काठे (38), तोरण टंडन (40), मनहरण कुमार टंडन (27), गणेश कुर्रे (50) व भुरू सतनामी को पकड़ा गया। इनके पास भी किसी कागज़ी अनुमति-पत्र का अभाव था। इस स्टिंग ऑपरेशन में 41 मवेशियों को जब्त कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
रैरूमाखुद चौकी के पास जंगल से बचाव
रैरूमाखुद चौकी अंतर्गत माझापारा–चरखापार मार्ग पर मवेशी तस्करी रुकवाने गई पुलिस को तस्करों को गुप्त जंगल मार्ग से भागते देख 35 मवेशी बरामद करने पड़े। आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ ‘छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम, 2004’ की धारा 4 (पशु तस्करी), 6 (दस्तावेज बिना पशु संचालित करना) और 10 (अनुमति-पत्र का अभाव) के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
— लगातार इसकी मॉनिटरिंग जारी है, ऐसे अन्य गिरोह पर भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।