प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रायपुर जोनल ऑफिस ने कुख्यात महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। 16 अप्रैल को ED ने सात राज्यों में एक साथ छापेमारी कर 3.29 करोड़ रुपये नकद बरामद किए और 573 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के बॉन्ड तथा डीमैट खातों को फ्रीज कर दिया है। इस कार्रवाई से इस अवैध सट्टेबाजी सिंडिकेट पर शिकंजा और कसता जा रहा है।
सात राज्यों में ED की ताबड़तोड़ छापेमारी, भारी जब्ती
ईडी रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और संबलपुर (ओडिशा) जैसे प्रमुख शहरों में महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप से जुड़े ठिकानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान ED की टीमों ने न केवल भारी मात्रा में नकदी जब्त की, बल्कि 573 करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड और डीमैट खातों को भी फ्रीज करने में सफलता हासिल की। इसके अतिरिक्त, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी ED के हाथ लगे हैं, जिनकी गहन जांच जारी है।
अम्ब्रेला सिंडिकेट की तरह काम कर रहा महादेव ऐप
ED की गहन जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप एक संगठित “अम्ब्रेला सिंडिकेट” की तरह काम कर रहा था। यह सिंडिकेट लोगों को अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक विस्तृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मुहैया कराता था। ED ने यह भी पाया कि इस अवैध सट्टेबाजी से अर्जित भारी मात्रा में धन को बेनामी बैंक खातों के माध्यम से जमा किया जा रहा था।
अवैध कमाई का विदेशी कनेक्शन और शेयर बाजार में हेरफेर
जांच में यह भी सामने आया है कि इस सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से होने वाली काली कमाई को सुनियोजित तरीके से भारत से बाहर ट्रांसफर किया जा रहा था। इसके बाद, इस अवैध धन को मॉरीशस और दुबई जैसे विदेशी ठिकानों से संचालित “विदेशी एफपीआई” (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) के नाम पर भारतीय शेयर बाजार में निवेश किया जा रहा था। ED ने यह भी पाया कि आम निवेशकों को धोखा देने के लिए कुछ छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों (SMEs) का इस्तेमाल करके शेयर बाजार में कृत्रिम उतार-चढ़ाव पैदा करने के लिए सट्टे की कमाई का निवेश किया गया था।
निवेशकों की पहचान और प्रमोटरों पर शिकंजा
तलाशी अभियान के दौरान ED को कुछ ऐसे निवेशकों के नाम भी मिले हैं जिन्होंने इन संदिग्ध कंपनियों के शेयरों में अपना पैसा लगाया था। ED ने इन निवेशकों के निवेश को भी फ्रीज कर दिया है। वर्तमान में इस पूरे मामले की विस्तृत जांच चल रही है। छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों में उन प्रमोटरों के भी सुराग मिले हैं जो मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों को तय करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ED ने जांच में कुछ एजेंटों और शेयर दलालों को भी शामिल किया है ताकि इस गोरखधंधे की पूरी परतें खोली जा सकें।
अब तक 3002 करोड़ की संपत्ति जब्त
महादेव सट्टा ऐप मामले में ED की कार्रवाई लगातार जारी है और अब तक 170 से अधिक ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा चुका है। इस व्यापक जांच के परिणामस्वरूप, ED ने लगभग 3002.47 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्ति को फ्रीज और कुर्क करने में सफलता प्राप्त की है।
ED ने इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि इस संबंध में दर्ज पांच अभियोजन शिकायतों में 74 संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है। ED की ओर से इस संगठित अपराध सिंडिकेट की जड़ों तक पहुंचने के लिए आगे की गहन जांच जारी है।