जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर सोनी मल्टी अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग की
सवितर्क न्यूज, संवाददाता यामिनी चंद्राकर
छूरा–जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम ने गरियांबंद जिला के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर को ज्ञापन सौंपकर मांग किया है कि राजीव गांधी गोद ग्राम कुल्हाडीघाट के विशेष पिछडी जनजाति कमार महिला चन्द्रबती सोरी व उसके नवजात शिशु की मौत पर अभनपुर स्थित सोनी मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल द्वारा जो अमानवीय व्यवहार किया गया है। उस पर उचित कार्यवाही कर इस निजी अस्पातल का लाईसेंस रदद् किया जाए और दोषियों पर कार्यवाही किया जाए।जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि विगत दिनों रायपुर जिले के अभनपुर स्थित सोनी मल्टी स्पेशयलिंटी हॉस्पिटल में कुल्हाड़ीघाट निवासी अपने हाथों से तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी जी को कंदमूल खिलाने वाली बल्दीबाई की नातीबहू अति पिछड़ी कमार जनजाति की प्रसूता श्रीमती चन्द्रबंती सोरी एवं उनके नवजात शिशु की चिकित्सीय लापरवाही के चलते मौत हो गई थी।
ईल्राज की राशि के लिए मृतक के शव को लगभग 12 घंटे तक हॉस्पिटल में ही रखा गया था।मरीज के द्वारा हेल्थ योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड भी जमा कराया गया था लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसका ल्राभ नहीं मिल पाया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की हंठधर्मिता के कारण मृतक के गरीब परिजनों को क्रर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाने विवश किया गया जिसके लिए शव को 12 घंटा अस्पताल में ही रखा गया था। चूँकि ग्राम पंचायत कुल्हाडी़घाट अति पिछड़ी कमार जनजाति बाहूल्य एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी का गोदग्राम होने के कारण शासन प्रशासन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अस्पताल प्रबंधन.के इस अमानवीय व्यवहार के कारण प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री की छवि धूमिल हो रही है। यह मामला अति संवेदनशील और महत्वपूर्ण है इसलिए भविष्य में इस तरह की कोई घटना किसी के साथ भी न घटे इसलिए उचित कार्यवाही करते हुए सोनी मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल का लाईसेंस रदद् करने की मांग किया है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने आगे बताया कि कुल्हाडीघाट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गोद ग्राम है और बल्दी बाई कांग्रेस पार्टी का परिवार की सदस्य है। उन्होने कहा आज छत्तीसगढ प्रदेश सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत हर गरीब से गरीब लोगों को पांच लाख रूपये तक की मुफ्त में ईलाज की सुविधा दे रही है और सरकार द्वारा इस अति पिछडी जनजाति के विकास और कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित किया जा रहा है। परिजनों के द्वारा अस्पातल प्रबंधन को पुरी बात बताने के बावजूद इस अति पिछडी जनजाति के लोगो को योजना का लाभ नहीं देना शव को 12 घंटे से अधिक समय तक रखे रहना नगद पैसा लेने के बाद छोड़ना अस्पताल प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ प्रदेश के संवेदनशील गरीबों के हित में काम करने वाला भूपेश बघेल सरकार की योजना पर बट्टा लगाने की साजिश है। इसलिए अस्पताल की लाईसेंस रदद् किये जाने की मांग किया जा रहा है। उन्होने बताया इस सबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एंव स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिहदेव एंव प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू को भी पत्र लिखकर उचित कार्यवाही की मांग किया गया है।
Editor In Chief