सुकमा/बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। कोबरा-208 बटालियन की एक विशेष टीम ने घने जंगलों में चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों का एक गुप्त भूमिगत बंकर खोज निकाला है, जिसे नक्सली कमांडर हिड़मा और उसके साथी अस्थायी अड्डे के रूप में इस्तेमाल करते थे।
इस बंकर की लंबाई करीब 20 फीट और चौड़ाई लगभग 8 फीट थी, जबकि इसकी गहराई 10 फीट से अधिक थी। बंकर को इस तरह से छिपाया गया था कि ऊपर से गुजरने वाला कोई भी व्यक्ति इसकी मौजूदगी का अंदाजा नहीं लगा सकता था।
बंकर से बरामद हुआ नक्सलियों का साजो-सामान
सुरक्षाबलों ने बंकर के अंदर तलाशी अभियान चलाकर वहां से सोलर प्लेट, तार, बैटरी, विस्फोटक सामग्री और हथियारों के पुर्जे बरामद किए हैं। यह स्थान नक्सलियों के लिए हथियारों की अस्थायी फैक्ट्री और सुरक्षित डंपिंग ज़ोन के रूप में काम करता था। जवानों ने बरामद सामग्री को नष्ट कर बंकर को ध्वस्त कर दिया है।
तीन महीने में मिला तीसरा बंकर
इस साल जनवरी में भी सुकमा के तुलमेर इलाके में एक अंडरग्राउंड बंकर बरामद हुआ था, जहां हथियार और देसी बम बनाए जाते थे। इससे पहले 2024 में दंतेवाड़ा के इंद्रावती नदी पार क्षेत्र में सुरंगनुमा बंकर मिला था, जिसमें एक साथ 80 से 100 नक्सली छिप सकते थे। इन सभी ठिकानों को जवानों ने निष्क्रिय कर दिया है।
लगातार ऑपरेशन से बौखलाए नक्सली, जारी किया तीसरा चेतावनी पत्र
बस्तर में लगातार हो रही सैन्य कार्रवाइयों से नक्सली संगठन बैकफुट पर नजर आ रहा है। नक्सली कमांडर रूपेश ने तीसरी बार पर्चा जारी कर फोर्स से ऑपरेशन रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि वार्ता की प्रक्रिया शुरू करनी है, तो ऑपरेशन पर एक महीने के लिए विराम देना होगा। उन्होंने अपने पर्चे में यह भी लिखा कि सरकार बातचीत के इच्छुक नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले।
गृह मंत्रालय की योजना: 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा
केंद्रीय गृह मंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हाल ही में एक गांव को पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित किया गया है, और यह अभियान और तेज़ गति से जारी रहेगा।
सुरक्षाबलों की इस ताजा सफलता से स्पष्ट है कि नक्सली संगठन अपने परंपरागत ठिकानों को खोता जा रहा है। अब फोर्स की रणनीति इन अड्डों को ध्वस्त कर, नक्सलियों की रसद और संचार व्यवस्था को पूरी तरह तोड़ने की है।
यह ऑपरेशन केवल एक बंकर तक सीमित नहीं था, बल्कि पूरे इलाके में 12 से ज्यादा ऐसे गुप्त ठिकानों को ढूंढकर नष्ट किया गया है।