सूरजपुर, छत्तीसगढ़ – साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए सूरजपुर पुलिस ने एक संगठित साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के पांच सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी बैंक खातों और एटीएम कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। इन आरोपियों की मदद से देश के विभिन्न राज्यों में अब तक 11 लाख रुपये से अधिक की ठगी की जा चुकी है।
फर्जी खाते किराए पर देकर कमाते थे हजारों रुपये
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी साइबर अपराधियों को फर्जी बचत और चालू खाता उपलब्ध कराते थे। इसके बदले वे प्रति बचत खाता 10,000 रुपये और चालू खाता 25,000 रुपये प्रति माह किराये के रूप में वसूलते थे। इन फर्जी खातों को ठगी के लिए म्यूल अकाउंट के तौर पर उपयोग किया जाता था।
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
16 अप्रैल 2025 को सूरजपुर एएसपी कार्यालय को म्यूल अकाउंट फ्रॉड से जुड़ी एक शिकायत मिली थी। जांच के बाद थाना विश्रामपुर में मामला अपराध क्रमांक 83/2025 दर्ज किया गया। पुलिस ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धाराएं 317(4), 318(2) और 61(2)(ए) के तहत कार्रवाई शुरू की।
पूछताछ से हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस ने सबसे पहले आरोपी चंद्रदेव पैकरा को गिरफ्तार किया, जिसकी निशानदेही पर कमलेश्वर सिंह और रूपन पैंकरा को पकड़ा गया। इनके पास से पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड बरामद हुए। पूछताछ के दौरान सज्जन कुमार गुप्ता और अनिल कुमार नामक दो अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी मिली, जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया।
देशभर में फैला था ठगी का नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपी सज्जन कुमार गुप्ता (36), निवासी बलरामपुर और अनिल कुमार (49), निवासी औरंगाबाद, बिहार – दोनों ने स्वीकार किया कि वे इन खातों के जरिये ठगों के साथ लेन-देन कर रहे थे। पुलिस जांच में पता चला कि सज्जन के खातों से 6.03 लाख रुपये और अनिल के खातों से 5.25 लाख रुपये की ठगी हुई है।
इन राज्यों में दर्ज हैं ऑनलाइन शिकायतें
साइबर फ्रॉड से संबंधित ट्रांजेक्शन की ऑनलाइन शिकायतें तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में दर्ज हुई हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि यह गिरोह राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय था।
पुलिस ने बरामद किए अहम सबूत
गिरफ्तार आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में बैंक दस्तावेज, पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड और डिजिटल सबूत बरामद हुए हैं। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके संपर्क में रहे साइबर अपराधियों की तलाश में जुट गई है।

Editor In Chief