कोरबा में DMF फंड को लेकर माटी अधिकार मंच का विरोध, 17 गांवों के ग्रामीणों ने चेताया – नहीं मानी मांग तो होगा उग्र आंदोलन

राजेन्द्र देवांगन
2 Min Read

कोरबा | खनिज क्षेत्र विकास | 18 अप्रैल 2025

कोरबा के खनन प्रभावित 17 गांवों के ग्रामीणों ने माटी अधिकार मंच के नेतृत्व में जिला खनिज न्यास निधि (DMF) की राशि का लाभ सीधे प्रभावित परिवारों तक पहुंचाने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। मंच ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि अरबों की राशि होने के बावजूद गांवों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंचाई जा रही हैं।


क्या है DMF फंड विवाद?

DMF (District Mineral Foundation) खनिज संपदा से प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए बनाई गई निधि है। परंतु, माटी अधिकार मंच का कहना है कि यह फंड सही जगह इस्तेमाल नहीं हो रहा और प्रभावित ग्रामीण वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।


मांगों की मुख्य बिंदु:

  • ग्राम सभा के माध्यम से प्रत्यक्ष प्रभावित परिवारों की पहचान की जाए।
  • फंड के उपयोग का सोशल ऑडिट कराया जाए।
  • भविष्य के लिए फंड को सुरक्षित रखा जाए।
  • गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाए।

17 गांवों के ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

मंच के मुताबिक चैनपुर, आमगांव, बैलटकारी, हरदीबाजार, सराईसिंगर, सरायपाली, पाली और पडनिया जटराज सहित 17 गांवों में DMF से कोई ठोस विकास नहीं हुआ है।

ग्रामीण सूर्यभान सिंह कंवर ने कहा, “10 साल से DMF फंड का सही उपयोग नहीं हुआ। प्रशासन ने केवल कागज़ों पर काम दिखाया है।”


जिला कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

मंच अध्यक्ष बृजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और बार-बार मांग के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। यदि अब भी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो बड़ा जन आंदोलन होगा।


प्रमुख मांगें:

  • प्रभावित परिवारों को सीधा लाभ
  • रोजगार, शिक्षा, पेयजल और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था
  • फंड पारदर्शिता के लिए सोशल ऑडिट अनिवार्य
  • स्थानीय प्रतिनिधियों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना

क्या कहती है सरकार?

प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, जिला स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।


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