उच्च शिक्षा विभाग : अब पुनर्मूल्यांकन नहीं, चैलेंज वैल्युएशन होगा; फोटोकॉपी देखने के बाद कर सकेंगे दावा – durg-bhilai News

राजेन्द्र देवांगन
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने पुनर्मूल्यांकन के नियमों में संशोधन किया है। नए नियम के अनुसार राज्य में संचालित सभी अकादमिक विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेज के छात्र-छात्राएं सीधे पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।

पहले छात्रों से सुरक्षा निधि के रूप में राशि लेकर विश्वविद्यालयों में उपलब्ध सुविधा के अनुसार ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे। फिर उन्हें उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी दी जाएगी। इसके 10 दिन के भीतर छात्र-छात्राएं अपनी कॉपी अपने अभिभावकों से या फिर संबंधित शिक्षकों से चेक करा सकेंगे।

यदि इसमें उन्हें लगेगा कि परीक्षा में मिले अंकों की तुलना में कम से कम 10 से 25 फीसदी अधिक अंक मिल सकते हैं, तो वह विश्वविद्यालय में निर्धारित पुनर्मूल्यांकन का शुल्क जमाकर पर्चे में मिले प्राप्तांक को चैलेंज कर सकेंगे।

10 फीसदी से अधिक अंक बढ़ेंगे तो ही परिणाम सुधरेगा और शुल्क वापस होगा

छात्र जैसे ही पर्चे में मिले अंक को चैलेंज करेगा, उसकी दो कॉपियां बनाकर दो प्राध्यापकों को मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय भेजेगा। दोनों प्राध्यापकों से मिले अंक का औसत निकाला जाएगा। औसत निकालने के बाद देखा जाएगा कि छात्र या छात्रा को सेमेस्टर परीक्षा के मुख्य परिणाम में जो अंक मिले हैं, वह और चैलेंज में मिले अंकों के बीच कम से कम 10 फीसदी अंक का अंतर है या नहीं। कुल प्राप्तांक से औसत में यदि 10% अंक बढ़ते हैं, तो छात्र के अंक बढ़ेंगे। साथ ही चैलेंज वैल्युएशन के लिए लिया गया शुल्क वापस किया जाएगा। परिणाम नहीं बदला तो यह राशि विश्वविद्यालय के खाते में चली जाएगी।

एक्सपर्ट – डॉ. केसरी लाल वर्मा, पं. रविवि के पूर्व कुलपति

विश्वविद्यालय व विद्यार्थियों दोनों को लाभ होगा चैलेंज वैल्युशन से विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय दोनों को लाभ होगा। इससे एक-एक, दो-दो अंक बढ़ने की प्रत्याशा वाले आवेदन नहीं कर पाएंगे। वही विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे, जिन्हें लगता है कि उनके अंक बढ़ेंगे। इससे विश्वविद्यालयों का काम जरूर बढ़ेगा, लेकिन इससे परीक्षा और मूल्यांकन का गुणवत्ता बढ़ेगी। जिम्मेदारी के साथ प्रोफेसर कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे, ताकि उन्हें कोई चैलेंज न कर सके। फोटोकॉपी होने से छात्र ने क्या लिखा है, यह स्पष्ट होगा। वहीं मूल्यांकनकर्ता ने क्या किया है, वह भी साफ हो जाएगा।

विश्वविद्यालय अपनी सुविधा के अनुसार शुल्क तय कर सकेंगे संचालक उच्च शिक्षा जनक पाठक ने बताया कि चैलेंज वैल्युएशन के लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शुल्क तय नहीं किया गया है। इसे विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। वह संस्थान की व्यवस्था के अनुसार चैलेंज वैल्युएशन का शुल्क तय कर सकते हैं। वह चाहें, तो प्रति प्रश्न पत्र इसका शुल्क 2000 रुपए या फिर इससे अधिक भी रख सकते हैं। फोटोकॉपी देखने के बाद पुनर्मूल्यांकन के लिए, उन्हें विश्वविद्यालय से तय शुल्क अलग से और देना होगा। इसके बाद पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।

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