14 अप्रैल सोमवार को प्रदेश में सरकारी छुट्टी होगी। इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। ये छुट्टी बाबा साहेब अंबेडकर जयंती की वजह से लागू की गई है। रायपुर समेत प्रदेश के तमाम सरकारी दफ्तर बंध रखे जाएंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कहा गया है कि अंबेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल 2025 (सोमवार) को राज्य के सभी शासकीय कार्यालयों और संस्थाओं में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। यह निर्णय भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है।
अंबेडकर जयंती क्यों मनाई जाती है अंबेडकर जयंती पहली बार 14 अप्रैल 1928 को पुणे में मनाई गई थी। इसकी पहल सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने की थी। तब से यह परंपरा हर साल चलती आ रही है और आज यह न केवल भारत में बल्कि विश्वभर के कई देशों में बसे भारतीय समुदायों द्वारा भी मनाई जाती है।
यह दिन ‘भारतीय संविधान के जनक’ डॉ. भीम राव के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1891 में जन्मे अंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता थे, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री , न्यायविद , अर्थशास्त्री और समाज सुधारक भी थे। 14 अप्रैल 2025 को डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती है।
भाजपा ये करने जा रही छत्तीसगढ़ में अंबेडकर जयंती एक राजनीतिक इवेंट भी बन चुका है। 14 अप्रेल को डॉ. अंबेडकर की मूर्तियों पर भाजपा माल्यार्पण करेगी। 15 से 25 तक अनुसूचित बस्तियों में भाजपा के नेता जाएंगे और वास्तविकता और यथार्थता के आधार पर हर चौखट पर जाकर बताएंगे कि डॉ. बाबासाहब अंबेडकर का अपमान कांग्रेस ने क्यों किया और डॉ. अम्बेडकर का सम्मान भाजपा ने कैसे किया।
प्रत्येक जनपद से 25 लोगों का चयन होगा जो 5 – 5 अनुसूचित समाज के प्रमुख लोगों से सम्पर्क करेंगे। यह अनुसूचित क्षेत्र के लोग भाजपा कार्यकर्ता नहीं होंगे, गैर भाजपाई लोगों के साथ मिलकर वार्ता करेंगे। बाबासाहब का अपमान और बाबासाहब का सम्मान चर्चाओं में अनुसूचित वर्ग के टीचर्स, प्रोफेसर्स, डॉक्टर, वकील, इन सभी के साथ कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो समाज का नेतृत्व करता होगा ऐसे लोगों को भी चयनित कर उनके दरवाजे तक भाजपा के लोग जाएंगे।