DMO कि मनमानी से मस्तूरी क्षेत्र के धान मंडियों मे धान का उठाव नहीं होने से प्रबंधक परेशान।

राजेन्द्र देवांगन
2 Min Read

मस्तूरी /छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सिलसिला 31 जनवरी से समाप्त हो गया है।बावजूद इसके मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के सेवा सहकारी समिति धान उपार्जन केंद्रो में धान का उठाव नहीं होने के कारण सैकड़ों क्विंटल धान बाहर में पड़े पड़े सूखे हो रहे हैं।जबकि छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश अनुसार धान खरीदी के 72 घंटे बाद धान का उठाव करना सुनिश्चित किया गया है। लेकिन ऊपर में बैठे उच्च अधिकारियों के मनमानी के कारण 15 महीना दिन तक धान का उठाओ नहीं हो पाता है जिसके कारण संस्था प्रबंधक आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही धान के लगे लाट में पानी धूप के पढ़ने से धान मंडियों में धान नुकसान होते दिखाई दे रही है। धान की लगे लाट में ऊपर हिस्से के बोरे वाले धान वजन में कमी हो रही है दिन भर धूप मिलने के कारण धान की लगी छलियों में से ऊपर के हिस्से सूखने लग गए जिसमें से किलो किलो भर वजन कमी आ रही है। जिससे सेवा सहकारी समिति को नुकसानी उठानी पड़ रही है। मस्तूरी क्षेत्र में लगभग 34 धान उपार्जन केंद्र बनाया गया है जिसमें लगभग सभी जगह धान धीमी गति से उठाव होने के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है।

Share This Article