नई दिल्ली : तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में एक 14 वर्षीय दलित छात्रा को मासिक धर्म यानी पीरियड्स के चलते कक्षा से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद मजबूरन पीड़ित छात्रा को कक्षा के दरवाजे के पास बैठकर परीक्षा देनी पड़ी.
ये घटना किनाथुकदावु तालुक में स्थित सेंगुट्टईपलायम गांव के स्वामी चिद्भवंदा मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल की है. नाबालिग छात्रा अनुसूचित जाति (अरुणथथियार) से ताल्लुक रखती हैं और कक्षा आठवीं में पढ़ती हैं.
मालूम हो कि ये मामला तब सामने आया, जब छात्रा की मां ने कक्षा से बाहर बैठी अपनी बेटी का वीडियो बनाया और शिक्षा अधिकारियों से संपर्क किया. मां ने अपनी बेटी के खिलाफ इस तरह के भेदभाव का विरोध किया है.
इस बीच, गांव के कुछ लोग भी इस मामले को लेकर सब-कलेक्टर से मिलने की योजना बना रहे हैं. वे चाहते हैं कि जिला प्रशासन इस मामले में स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. उनका कहना है कि स्कूल ने लड़की के साथ गलत व्यवहार किया है.
क्या है पूरा मामला?
अखबार के मुताबिक, लड़की को 5 अप्रैल को पीरियड्स शुरू हुए थे और इसी दौरान उसके स्कूल में परीक्षाएं भी चल रही थीं. स्कूल प्रबंधन ने कथित तौर पर उसे 7 अप्रैल को विज्ञान की परीक्षा और बुधवार (9 अप्रैल) को सामाजिक विज्ञान की परीक्षा कक्षा के बाहर बैठकर देने को कहा.
इस संबंध में दलित कार्यकर्ता ने बताया, ‘लड़की ने 7 अप्रैल की शाम को अपनी मां को घटना बताई. बुधवार को जब उसकी मां स्कूल पहुंची तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी को परीक्षा देने के लिए कक्षा के बाहर बैठाया गया था. इसके बाद मां ने अपने मोबाइल कैमरे से इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया और ये वीडियो बुधवार रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.’
ज्ञात हो कि ये मामला सामने आने के बाद ग्रामीण और दलित कार्यकर्ता स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
कोयंबटूर के जिला कलेक्टर पवनकुमार जी. गिरियप्पनवर ने बताया कि कोयंबटूर ग्रामीण पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है. मैट्रिकुलेशन स्कूल के इंस्पेक्टर को जिला प्रशासन को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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