रायपुर– छत्तीसगढ़ में स्कूलों का बदला समय, बढ़ती गर्मी के कारण आदेश जारी, जानें अब कितने बजे लगेंगी क्लासेस: छत्तीसगढ़ में बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। यह बदलाव सरकारी और निजी दोनों स्कूलों पर लागू होगा। नए टाइम टेबल के तहत, स्कूलों को 2 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक बदले हुए समय के अनुसार संचालित किया जाएगा।
स्कूलों का नया टाइम टेबल
स्कूलों के नए समय-सारणी के अनुसार, एक पाली में संचालित सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक चलेंगे। वहीं, दो पालियों में संचालित स्कूलों में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूल सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक, जबकि हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक संचालित होंगे। यह समय-सारणी सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में लागू होगी, और सभी शैक्षणिक संस्थानों को इसे सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
स्कूलों के समय में बदलाव क्यों?
भीषण गर्मी से बचाव – अप्रैल के महीने में प्रदेश में गर्मी अपने चरम पर होती है। तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
बच्चों को लू से बचाने की पहल
गर्मी के कारण लू और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस बदलाव से बच्चों को दोपहर की चिलचिलाती धूप में स्कूल आने-जाने की परेशानी नहीं होगी। पढ़ाई में कोई बाधा न आए – स्कूलों का समय इस तरह तय किया गया है कि बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित न हो और वे गर्मी से भी सुरक्षित रहें।
प्रदेश में बढ़ रही गर्मी
छत्तीसगढ़ में गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रायपुर में तापमान 41 डिग्री के करीब पहुंच गया है, जबकि अन्य जिलों में भी दोपहर में लू जैसे हालात बन रहे हैं। भीषण गर्मी के कारण नदियों का जल स्तर गिरने लगा है और स्वास्थ्य पर भी असर दिखने लगा है। रायपुर जिला प्रशासन ने लू से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें घर से बाहर कम निकलने, अधिक पानी पीने और हल्के कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, गर्मी से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
छात्रों और अभिभावकों को राहत
नए टाइम टेबल से छात्रों को दोपहर की चिलचिलाती धूप में स्कूल जाने से राहत मिलेगी। अभिभावक भी बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतामुक्त हो सकेंगे। शिक्षकों और स्कूल स्टाफ के लिए भी यह बदलाव गर्मी में कार्य करने के लिए अनुकूल रहेगा।