हेमू नगर में भारी जल संकट की स्थिति, एक के बाद एक बोर सूखने से नहीं भर पा रही टंकी, ठंड के मौसम में टैंकर की मदद से पानी पहुंचने की आ गयी है नौबत

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर। इस वर्ष ठंड के मौसम में ही हेमू नगर भीषण जल संकट से गुजर रहा है। हालांकि कुछ समय पहले बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने दावा किया था कि अरपा भैसाझार परियोजना और फिर अरपा नदी में दो बैराज बनाए जाने के बाद बिलासपुर से पानी की समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई है। उन्होंने कहा था कि पिछले वर्ष अच्छी बारिश और अरपा नदी में बेहतर जलभराव के कारण गर्मी के मौसम में भी शहर में जल संकट नजर नहीं आया लेकिन विडंबना है कि जो समस्या गर्मी में नहीं आई उस समस्या से हेमू नगर के वाशिंदे ठंड के मौसम में दो-चार हो रहे हैं। यहां पिछले 5-6 दिनों से सुबह और शाम नियमित पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही ।

असल में हेमू नगर जैसे विशाल कॉलोनी में जलापूर्ति के लिए शंकर नगर स्कूल प्रांगण में पानी टंकी मौजूद है। इस टंकी में पानी भरने के लिए आसपास के करीब आधा दर्जन पंप की मदद ली जाती है। बताया जा रहा है कि इनमें से सबसे प्रमुख और बड़ा बोर हेमू नगर तालाब में मौजूद है, जो फेल हो चुका है। इससे पर्याप्त पानी नहीं निकल रहा है । वहीं आसपास मौजूद कई और पंप से भी पानी बहुत कम मात्रा आ रही है, जिस कारण से टंकी भर ही नहीं पा रहा। कुछ दिनों पहले ही विधानी चौक दाल मिल के पास एक नए बोर की खुदाई की गई लेकिन वहां भी पर्याप्त पानी ना होने से संकट गहरा रहा है। अब तक स्थिति बेहतर थी लेकिन ठंड के मौसम में ही एक के बाद एक बोर फेल होने से यहां आवश्यकता का आधा पानी भी नहीं मिल पा रहा। वहीं टंकी में आवश्यक दबाव ना होने से अंतिम सिरे में मौजूद घरों तक फोर्स भी खत्म हो रहा है । सुबह और शाम पानी की सप्लाई हो तो रही है लेकिन टंकी में पर्याप्त दबाव ना होने से पानी पूरे इलाके तक पहुंच नहीं पा रहा। पानी की सप्लाई कम होने के बाद लोग टुल्लू पंप की मदद से पानी खींच रहे हैं इस कारण भी टेल एरिया तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। खासकर साईं मंदिर ,कलचुरी स्कूल के आसपास के इलाकों में भारी जल संकट है। स्थिति इतनी भयानक हो चुकी है कि जनवरी और फरवरी के महीने में यहां टैंकर से पानी की सप्लाई करनी पड़ रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि यहां पंप ऑपरेटर कमलेश साहू और महफूज की लापरवाही भी बड़ी वजह है जो नियमित रूप से अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करते और ना ही किसी पंप के खराब होने पर जनप्रतिनिधियो और संबंधित एजेंसी को सूचित ही करते हैं। जिस कारण यहां रहने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि इस टंकी पर आश्रित वार्ड के पार्षद भाजपा से है इसलिए भी नगर निगम पर उपेक्षा का आरोप लग रहा है। आरोप तो विधायक शैलेश पांडे पर भी लग रहे हैं जिन्होंने जल संकट नहीं होने देने का वादा किया था लेकिन जब हेमू नगर भारी जल संकट से गुजर रहा है तब उन्होंने मुंह मोड़ लिया है। ऐसे में वे अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। नगर निगम का जल विभाग और महापौर भी उनसे अलग नहीं है। दिक्कत की बात यह है कि जनवरी महीने में ही बोर फेल होने के बाद अभी तक वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में चिंतन तक नहीं किया गया। अगर अभी से व्यवस्था नहीं की गई तो जाहिर है आने वाले गर्मी में यहां लोग पानी की एक एक बूंद के लिए तरस जाएंगे और पूरे क्षेत्र में त्राहि-त्राहि मच जाएगी। जानकार इसके पीछे निगम की अदूरदर्शिता को भी वजह बता रहे हैं। जिस स्थान पर अच्छा भला तालाब था उसे कॉन्क्रिट का जंगल बनाकर अंडर ग्राउंड वाटर रिचार्ज होने की संभावना ही खत्म कर दी गई। जिसके कारण तालाब के पास बोर होने के बावजूद वे सूख रहे है। वर्तमान में जो स्थिति है उसे देखते हुए पूर्वानुमान है कि मार्च के अंतिम दिनों तक यहां के पंप पूरी तरह सूख जाएंगे। अगर उससे पहले अधिक गहराई वाले बोर की खुदाई नहीं हुई तो फिर यहां अभूतपूर्व जल संकट होगा। इसे लेकर बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे और महापौर रामशरण यादव को अभी से पहल करनी होगी क्योंकि मिशन अमृत योजना अभी भी दूर की कौड़ी है । इस इलाके में कई स्थानों पर छोटे-छोटे पंप द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है। पंप वाले स्थान के आसपास के घरों तक तो पानी पहुंच रहा है लेकिन थोड़ी दूरी पर ही पानी की सप्लाई नहीं पहुंच पा रही है। इनदिनों किसी तरह लोगों को गुजर-बसर के लायक ही पानी मिल पा रहा है ।अगर यह हालात फरवरी महीने में है तो सोच सकते हैं कि मई और जून में दिक्कत कितनी बड़ी हो सकती है। फिलहाल इसे लेकर स्थानीय पार्षद भी पूरी तरह खामोश है। सत्ता से बाहर होने के बाद वैसे भी भाजपा के पार्षद शीत निद्रा में चले गए हैं, जिनसे अब नागरिकों को अपेक्षा भी नहीं है कि वे समय रहते नागरिकों के हक के लिए आवाज उठाएंगे।

वार्ड में एक के बाद एक पंप सूखने की वजह से नहीं भर पा रहा पूरा टंकी। निगम के अधिकारी और विधायक भी नहीं दे रहे शिकायतों पर ध्यान।–रेणुका नागपुरे पार्षद

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