बिलासपुर में चोरी की ई-रिक्शा बरामद होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाए पीड़ित को ही थाने बुलाकर गाली दी। इस मामले को हाईकोर्ट ने गंभीर माना है। पुलिस की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने एसपी को शप
बिना दस्तावेज के आरोपी ने खरीदी ई-रिक्शा याचिका के अनुसार जब पुलिस ने आरोपी से ई-रिक्शा किया, तब संबंधित व्यक्ति ने बताया कि उसने रिक्शा 20 हजार रुपए में खरीदी है। लेकिन, उसके पास ई-रिक्शा खरीदने का कोई दस्तावेज नहीं है। इसके बाद भी पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे छोड़ दिया।
प्रार्थी को थाने बुलाकर दी गाली और धमकाया याचिकाकर्ता प्रतीक साहू ने अपने एडवोकेट के जरिए कोर्ट को बताया कि ई-रिक्शा मिलने पर उसे थाने बुलाया गया। थाने में उसके साथ गाली-गलौज और धमकी दी। ई-रिक्शा किससे खरीदी गई, इसके दस्तावेज दिखाने का दबाव बनाया। चोरी के केस में पीड़ित को ही गाली देने पर प्रतीक साहू ने वकील अमित कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
CJ बोले- कप्तान तो न्यूज में रहते हैं और ई-रिक्शा नहीं संभल रहा सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि पुलिस असली आरोपी पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बल्कि, पीड़ित को ही धमका रही है। इस पर चीफ जस्टिस सिन्हा ने पूछा कहां का मामला है। एडवोकेट ने जब बताया कि बिलासपुर के कोटा थाने का केस है, तब तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कप्तान तो रोज न्यूज में रहते हैं और ई-रिक्शा नहीं संभल रहा है।
एसपी से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए एसपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने का निर्देश दिया, जिसमें यह पूछा है कि किन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता को थाने में बुलाया जा रहा है। मामले में जांच अधिकारी को भी संबंधित कागजात प्रस्तुत करने को कहा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को तय की है।

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