दिल्ली हाईकोर्ट में आज देश का नाम अंग्रेजी नाम इंडिया से बदलकर भारत या हिंदुस्तान करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी। 17 फरवरी को हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया समय बढ़ा दिया था।
कोर्ट ने 4 फरवरी की सुनवाई में केंद्र के वकील को मंत्रालय से निर्देश लेने के लिए समय दिया था। दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता नमह ने संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग की है। उनका कहना है कि संविधान में ‘इंडिया जो भारत है’ लाइन को बदलकर ‘भारत या हिंदुस्तान राज्यों का संघ’ कर देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट मंत्रालय को दे चुका है निर्देश नमह इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगा चुके हैं। याचिका में उन्होंने देश के मूल और प्रामाणिक नाम भारत को मान्यता देने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में संबंधित मंत्रालय को मामले का संज्ञान लेने का निर्देश दिया था, लेकिन मंत्रालय की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई।
1948 में संविधान सभा में भी इंडिया नाम का विरोध हुआ था याचिकाकर्ता का कहना है कि अंग्रेज गुलामों को इंडियन कहते थे। उन्होंने ही देश को अंग्रेजी में इंडिया नाम दिया था। 15 नवंबर 1948 को संविधान के अनुच्छेद 1 के मसौदे पर बहस करते हुए एम. अनंतशयनम अयंगर और सेठ गोविंद दास ने देश का नाम अंग्रेजी में इंडिया रखने का जोरदार विरोध किया था।
उन्होंने इंडिया की जगह अंग्रेजी में भी भारत, भारतवर्ष या हिंदुस्तान नाम रखने का सुझाव दिया था। उस समय ध्यान नहीं दिया गया। अब इस गलती को सुधारने के लिए कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे।
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