मतों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, चुनाव आयोग को EVM से डेटा डिलीट नहीं करने का दिया आदेश

राजेन्द्र देवांगन
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नई दिल्ली- ईवीएम को लेकर चल रही राजनीति के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि फिलहाल EVM से कोई भी डेटा डिलीट नहीं किया जाए.एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम के सत्यापन को लेकर दायर याचिका पर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. बता दें कि इस याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाने का निर्देश दिया जाए. अब मंगलवार को इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा है. साथ ही ये आदेश दिया कि फिलहाल, EVM से कोई भी डेटा डिलीट नहीं किया जाए और न ही कोई डेटा रीलोड हो.

याचिका में कोर्ट के पहले फैसले का हवाला

ADR की याचिका में पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले का हवाला दिया गया. इस फैसले में कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने से मना कर दिया था. साथ ही, वीवीपैट की सभी पर्चियों को गिनने की मांग को भी ठुकरा दिया था. हालांकि, कोर्ट ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए चुनाव परिणाम घोषित होने के एक हफ्ते के अंदर ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी की जांच की अनुमति दी थी.

मामले में बर्न्ट मेमोरी जांच का निर्देश

बता दें कि 26 मार्चब, 2024 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नतीजे आने के एक सप्ताह के भीतर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहने वाला उम्मीदवार ईवीएम की जांच की मांग कर सकता है. इसके लिए इंजीनियरों की टीम पांच माइक्रो कंट्रोलर की बर्न्ट मेमोरी की जांच करेगी. जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा, लेकिन अगर गड़बड़ी साबित हुई तो यह खर्च उम्मीदवार को वापस कर दिया जाएगा.

याचिका में उठाए गए जरूरी मुद्दे

चुनाव आयोग को EVM से डेटा डिलीट नहीं करने का दिया आदेश

ADR की याचिका में ये भी कहा गया कि चुनाव आयोग के मौजूदा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) में सिर्फ ईवीएम की बेसिक जांच और मॉक पोल्स का ही निर्देश है. आयोग ने अब तक बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं बनाया है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि आयोग ईवीएम के चारों हिस्सों- कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट, वीवीपैट और सिंबल लोडिंग यूनिट के माइक्रो कंट्रोलर की जांच के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे. इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सकेंगी.

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