*अच्छाई करने की कीमत अदा करनी पड़ती है , और उषा आफले इसके लिए तैयार हैं ।*
जनता दरबार एक क्रांतिकारी मुहिम है, जिसमे जन समान, जो किसी तरह की प्रशासनिक या सामाजिक पीड़ा से गुज़र रहें हैं उनहें मदद पहुचाई जाती है
ये श्रीमती उषा आफले के नेतृत्व में वो और उनकी टीम करती है। जब भी किसी को न्याय दिलाने की कोशिश होती है तो स्वाभाविक है कि किसी अत्याचारी के खिलाफ कार्यवाही होती है
और वह इंसान जनता दरबार और उषा आफले का सीधा दुश्मन बन जाता है। यही अब हो रहा है । आप सब को ऐसी ही एक घटना के बारे में बताते हैं। जनता दरबार की बढ़ती ख्याति और उनकी टीम का साहस देखते हुए धनंजय गोस्वामी नामक व्यक्ति जनता दरबार के पास आये और उन्होंने कहा कि उषा जी को एक और पहल करनी चाहिये जिसमे शहर से आयोध्या राम मंदिर के लिए समर्थन राशि इकट्ठी की जाए और लोगो को इसके लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने अपने चाचा की प्रिंटर्स की दुकान जो कि मगरपारा में गोस्वामी प्रिंटर्स नाम से स्तिथ है से उषा जी को रसीद छपवाने का सुझाव दिया । राम मंदिर के लिए उषा जी की श्रद्धा ने उन्हें ये पहल करने को प्रेरित किया जिसको धनंजय गोस्वामी ने हवा दी ।
धनंजय गोस्वामी ने ये भी भरोसा जताया कि राशि इकट्ठा करने के बाद हम सीधा उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर उन्हें यह राशि सौपेंगे। धनंजय ने योगी आदित्यनाथ के साथ अच्छे रिश्ते होने का दावा करते हुए यह बात कही । उज्ज्वला कांड जिसमे जनता दरबार की टीम ने पर्दाफाश कर लोगो के सामने सच्चाई लायी और कई महिलाओं को नया जीवन देने का प्रयत्न किया तो साथ ही इस कांड में मौजूद आरोपियों से सीधा दुश्मनी मोल ली। शंका है कि इसी कांड से गोस्वामी का भी स्वार्थ जुड़ा है शायद इसलिए उन्होंने उषा जी को षड्यंत्र रचा कर पहले प्रेरणा दी और फिर लोगो में यह फैलाया की ये उगाही है।
उषा आफले और जनता दरबार टीम ने यह आज स्पष्ट कर दिया है कि वो ऐसे किसी दबाव से डरने वाले नही हैं। वो जनता दरबार मुहिम को आगे बढ़ाएंगे और जन समान को न्याय दिलाने में तत्पर खड़े रहेंगे ।
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