शाह ने आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में विशेष सिक्का और डाक टिकट किया जारी
गृह मंत्री ने आचार्य के जीवन को राष्ट्र के प्रति समर्पित बताया, जैन समाज से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लिया
डोंगरगढ़। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज डोंगरगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित विनयांजलि सभा में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय सहित कई अन्य नेता भी उपस्थित रहे।
शाह ने आचार्य के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की
गृह मंत्री अमित शाह सबसे पहले डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी स्थित आचार्य विद्यासागर महाराज के समाधि स्थल पहुंचे, जहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की और महाराज के चरणों में शीश नवाया। इसके बाद उन्होंने जैन समाज द्वारा आयोजित विनयांजलि सभा में शिरकत की और आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन और उनके कार्यों पर प्रकाश डाला।
आचार्य विद्यासागर का जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित था, बोले गृह मंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज का जीवन पूरी तरह से राष्ट्र के प्रति समर्पित था। उनके तप और साधना ने भारत और भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाई। उन्होंने आचार्य को केवल एक संत नहीं, बल्कि एक महान विद्वान बताया जिन्होंने नए विचारों और दृष्टिकोणों को जन्म दिया।
विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करने की पहल
इस अवसर पर गृह मंत्री शाह ने आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र के साथ 100 रुपए का विशेष स्मारक सिक्का और एक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि यह सिक्का और डाक टिकट महज एक सम्मान नहीं, बल्कि एक महान संत की अमूल्य धरोहर को संजोने का प्रयास है।
जैन संतों के साथ भोजन और मां बम्लेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना
गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी यात्रा के दौरान चंद्रगिरी स्थित प्रतिभास्थली में जैन संतों के साथ भोजन किया और फिर विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना की।
सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की भारी भीड़
डोंगरगढ़ में गृह मंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस ने हर जगह सतर्कता बनाए रखी ताकि कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हो सके। डोंगरगढ़ और जैन समाज के लोग इस यात्रा को लेकर उत्साहित थे, और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने समाधि स्थल और विनयांजलि सभा में हिस्सा लिया और आचार्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धांजलि दी।