5 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए आरोपी, 10 फरवरी तक रिमांड पर भेजे गए
छत्तीसगढ़ में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) के अधीक्षक भरत सिंह और उनके ड्राइवर विनय राय को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रायपुर की विशेष अदालत में पेश किए जाने के बाद दोनों आरोपियों को 10 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया गया है।
जांच में सामने आए नए खुलासे
सीबीआई ने अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं, जिनसे इस घोटाले में अन्य लोगों की संलिप्तता के सुराग मिले हैं। साथ ही, एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसकी जांच जारी है। इसी आधार पर रिमांड की मांग की गई, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
रंगे हाथों पकड़े गए थे आरोपी
सीबीआई ने 31 जनवरी को शाम करीब 4 बजे ड्राइवर विनय राय को वीआईपी रोड स्थित करेंसी टावर के पास 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद सीजीएसटी कार्यालय में छापेमारी कर अधीक्षक भरत सिंह को भी हिरासत में लिया गया। दोनों आरोपियों को 1 फरवरी को अदालत में पेश कर 5 दिन की रिमांड पर लिया गया था।
क्या है मामला?
सीजीएसटी की टीम ने 28-29 जनवरी को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी पर छापेमारी की थी। जांच के दौरान गड़बड़ी पकड़ में आने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई। इस दौरान एक व्यक्ति ने मध्यस्थ की भूमिका निभाकर मामला सुलझाने की कोशिश की।
रिश्वत के लेन-देन की सूचना मिलते ही सीबीआई ने जाल बिछाया और ड्राइवर विनय राय को रिश्वत लेते हुए धर-दबोचा। आगे की जांच में अधीक्षक भरत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान मध्यस्थ और अन्य संलिप्त लोगों के नाम सामने आने के बाद दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया है।
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