सीजीएमएससी घोटाला: ईओडब्ल्यू की जांच में कई अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) में 400 करोड़ रुपये के रिएजेंट और मेडिकल उपकरण खरीदी घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में दुर्ग स्थित मोक्षित कार्पोरेशन की संलिप्तता सामने आने के बाद राज्य सरकार ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच के बाद सीजीएमएससी ने मोक्षित कार्पोरेशन को अगले तीन वर्षों के लिए अपात्र घोषित कर दिया है। अब इस कंपनी से किसी भी प्रकार की दवाइयां या मेडिकल उपकरण नहीं खरीदे जाएंगे।
मुख्य बिंदु:
- मोक्षित कार्पोरेशन पर प्रतिबंध: घोटाले में संलिप्तता के कारण कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया।
- निदेशक गिरफ्तार: मोक्षित कार्पोरेशन के निदेशक शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर ईओडब्ल्यू रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
- अधिकारियों पर जांच का शिकंजा: सीजीएमएससी के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी।
अधिकारियों के खिलाफ भी होगी सख्त कार्रवाई:
सीजीएमएससी ने मोक्षित कार्पोरेशन को ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही इस घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, सीजीएमएससी की प्रबंध निदेशक पदमिनी भोई, आईएएस अधिकारी भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा जांच के दायरे में हैं।
ईओडब्ल्यू-एसीबी ने इन तीनों अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों से भी जल्द पूछताछ की जा सकती है। यह मामला छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र में गहराई से फैले भ्रष्टाचार को उजागर करता है, और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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