अचानकमार टाइगर रिजर्व (ATR) की बाघिन AKT-13 की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। बाघिन के शव पर कांटेदार और नुकीली चीजों से वार के निशान मिले हैं, जिससे उसके शिकार की आशंका जताई जा रही है। घटना बुधवार को लमनी से छिरहट्टा जाने वाले मार्ग पर हुई, लेकिन वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी। गुरुवार को स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (STPF) की टीम सर्चिंग के दौरान मौके पर पहुंची और मृत बाघिन को देखा।
मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए और बाद में मौके पर पहुंचे। इस क्षेत्र को टी-200 बाघ का इलाका माना जाता है, लेकिन स्थानीय वनकर्मी भी इस मामले पर टिप्पणी करने से बचते रहे। बाघिन की मौत की सूचना गुरुवार सुबह 8 बजे ATR के अधिकारियों को मिली, लेकिन पोस्टमॉर्टम में देरी हुई। कानन पेंडारी के पशु चिकित्सक डॉ. पीके चंदन बारनवापारा क्षेत्र में थे, और उनकी अनुपस्थिति में कोई अन्य डॉक्टर उपलब्ध नहीं था।
संघर्ष या शिकार? जांच जारी
ATR प्रबंधन का दावा है कि बाघिन की मौत बाघों के आपसी संघर्ष के कारण हुई है। उनका मानना है कि यह मेटिंग और टेरिटरी (क्षेत्र की रक्षा) को लेकर हुई लड़ाई हो सकती है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा। बाघिन की गर्दन पर दांतों के गहरे निशान और सांस नली फटी हुई पाई गई, जिससे दम घुटने से उसकी मौत की संभावना जताई जा रही है।
एटीआर के अफसर बाघों की सुरक्षा को गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं
छत्तीसगढ़ में बाघों की घटती संख्या चिंता का विषय
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में छत्तीसगढ़ में 46 बाघ थे, लेकिन 2018 में यह संख्या घटकर 19 रह गई। हालिया रिपोर्ट में उदंती-सीतानदी, अचानकमार और इंद्रावती टाइगर रिजर्व में केवल 7 बाघ शेष होने की जानकारी दी गई है। पिछले 10 वर्षों में राज्य में बाघों के शिकार की घटनाएं लगातार सामने आई हैं, लेकिन वन विभाग द्वारा बाघों की आबादी बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किए गए।
वन विभाग का बयान
ATR के डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेशन ने कहा कि प्रारंभिक जांच में बाघ से संघर्ष के कारण बाघिन की मौत की आशंका है। घटना की जानकारी एसटीपीएफ के सदस्यों से मिली है और मामले की गहन जांच जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग इस घटना को लेकर सतर्कता बढ़ाने और टाइगर रिजर्व क्षेत्र में निगरानी तेज करने की योजना बना रहा है।
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