वैश्विक संघर्षों के बीच भारत की भूमिका: पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश

राजेन्द्र देवांगन
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नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025 – रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 से जारी है, जिसमें लाखों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, पश्चिम एशिया में इस्राइल-हमास-ईरान के टकराव से भी अभूतपूर्व मानवीय संकट पैदा हुआ है। ऐसे में भारत की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या भारत विश्व मित्र की भूमिका निभा रहा है या तटस्थ बना हुआ है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर अपनी स्पष्ट राय रखते हुए कहा कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन तटस्थ नहीं। उन्होंने कहा, “आज विश्व के अंदर भारत के प्रति विश्वास है। यह हमारा दोगलापन नहीं है। हम जो कहते हैं, साफ कहते हैं। हमने हमेशा स्पष्ट किया है कि हम न्यूट्रल नहीं हैं। हमारा पक्ष शांति का है, और हम इसके लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”

भारत का रुख स्पष्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की भूमिका रूस-यूक्रेन संकट से लेकर इस्राइल-ईरान-फलस्तीन संघर्ष तक शांति स्थापना में सहायक रही है। उन्होंने कहा, “मैं रूस, यूक्रेन, इस्राइल, ईरान और फलस्तीन सभी से यही कहता हूं कि भारत शांति में विश्वास करता है और इसके लिए हर संभव प्रयास करेगा।”

विश्वसनीयता बढ़ी: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि संकट के समय भारत के प्रति दुनिया का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा, “जैसे देशवासियों को विश्वास है कि संकट के समय भारत संभाल लेगा, वैसे ही दुनिया को भी भरोसा है कि जब भारत कोई बात कहता है, तो वह उसे निभाता भी है।”

भारत की विश्वशक्ति के रूप में उभरती भूमिका

भारत वैश्विक मंच पर शांति का संदेशवाहक बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान दुनिया को यह स्पष्ट करता है कि भारत केवल एक मूकदर्शक नहीं, बल्कि शांति स्थापना में सक्रिय भागीदार है।


 

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