छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया था। इस घटना से पूरा देश स्तब्ध हैं। इसी घटना के ठीक बाद नारायणपुर जिले से अच्छी खबर सामने आई है। जहां नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित होकर छह नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन सभी नक्सलियों ने नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार के सामने सरेंडर कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सली को 25-25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है।
इधर सुरक्षा बलों के लगातार कार्यवाही से माओवादियों में भय है। बड़े कैडर के माओवादियों के आत्मसमर्पण को देखकर जानकर ग्रामीण स्तर पर जनताना सरकार एवं मिलिशिया के रूप में कार्य करने वाले नक्सली समर्थक ग्रामीणों का सामूहिक रूप से आकर आत्मसमर्पण किया है।
अध्यक्ष समेत छह ने किया सरेंडर
आत्मसमर्पित प्रतिबंधित माओवादी नेलनार एरिया कमेटी अन्तर्गत दस्सो पोयाम अध्यक्ष, जैनी कुहड़ाम उपाध्यक्ष, रामलाल कुहड़ाम मिलिशिया कमाण्डर, सुखमति कोर्राम मिलिशिया डिप्टी कमाण्डर, एवं अड़मो पोड़ियाम व मासो पोयाम मिलिशिया सदस्य के पद पर कार्यरत थे। इन्होंने सरेंडर कर दिया है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस का विशेष योगदान है।
शासन की ओर से मिलेगी सभी सुविधाएं
आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत 25000, 25000 (पच्चीस – पच्चीस हजार रुपए) प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की ‘नक्सल उन्मूलन नीति’ के तहत सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएगी।
गांव से भगाने दी थी धमकी
नक्सलियों द्वारा क्षेत्र के युवा-युवतियों को शासन प्रशासन के विरूद्ध भड़का जाता है। जल, जंगल, जमीन के नाम से व गांव से भगाने की धमकी देकर जबरन संगठन से शामिल कराया जाता था। नक्सलियों के दम पर अपनी खोखली विचारधारा के तहत सामान्य ग्रामीणों का शोषण उक्त नक्सल संगाठनिक पदाधिकारियों के द्वारा किया जाता था। नारायणपुर पुलिस द्वारा माओवादी की खोखली विचारधारा से ग्रामीणों को मुक्त कराने एवं नक्सल मुक्त बस्तर के सपना को साकार रूप देने तथा क्षेत्र में विकास एवं शांति व्यवस्था कायम कराने के उद्देश्य से माड़ बचाव अभियान के माध्यम से नक्सल विरूद्ध अभियान संचालित किया जा रहा है।
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