रायपुर, 1 जनवरी 2025:
छत्तीसगढ़ में बर्खास्त किए गए 2,900 B.Ed सहायक शिक्षकों ने अपनी नौकरी बचाने के लिए संघर्ष तेज कर दिया है। बुधवार को इन शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। नारेबाजी और गिरफ्तारी के बीच सरकार ने उनकी मांगों के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बनाने का फैसला लिया है।
13 दिनों से जारी आंदोलन
नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर B.Ed सहायक शिक्षक पिछले 13 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सहायक शिक्षक के पद से बर्खास्त किए जाने पर शिक्षकों में गहरा आक्रोश है। प्रदर्शनकारी जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन, और ब्लड डोनेशन जैसे प्रयासों से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी कार्यालय का घेराव
शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और भीड़ को हटाया। इससे पहले शिक्षकों ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन
शिक्षकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। यह कमेटी शिक्षकों के समायोजन और अन्य संभावनाओं पर विचार करेगी।
अब तक के प्रदर्शन की मुख्य घटनाएं:
- 14 दिसंबर: शिक्षकों ने अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा निकाली।
- 22 दिसंबर: धरना स्थल पर ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया।
- 26 दिसंबर: सामूहिक मुंडन कर सरकार का ध्यान खींचा।
- 28 दिसंबर: यज्ञ और हवन के माध्यम से सांकेतिक प्रदर्शन।
- 30 दिसंबर: अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया।
आगे की रणनीति:
शिक्षकों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उनकी मांग है कि बर्खास्तगी को रद्द कर समायोजन का रास्ता निकाला जाए।
सरकार के सामने चुनौती:
शिक्षकों के बढ़ते आंदोलन ने सरकार के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। अब सभी की निगाहें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटी पर हैं, जो इस मुद्दे का समाधान निकालने की दिशा में काम करेगी।
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