रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अब खटाई में पड़ती नजर आ रही है। चुनाव आयोग के संकेतों और सरकारी सूत्रों की मानें, तो फरवरी 2024 से बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा। इसके चलते मतदान और अन्य चुनावी गतिविधियों का आयोजन फरवरी और मार्च के महीनों में असंभव है। वहीं, अप्रैल में गर्मी और त्योहारों के चलते परिस्थितियां अनुकूल नहीं दिख रही हैं। ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि नगरीय और पंचायत चुनाव मई 2024 से पहले नहीं हो सकेंगे।
क्या है वजह?
राज्य सरकार और चुनाव आयोग के अनुसार, फरवरी-मार्च में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। स्कूलों और शिक्षकों की भूमिका चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होती है, लेकिन परीक्षाओं के दौरान उनके संसाधन पहले से ही व्यस्त होंगे। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों का उपयोग मतदान केंद्र के रूप में नहीं किया जा सकता।
प्रशासकों की होगी नियुक्ति
नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव में देरी का मतलब यह है कि मौजूदा निर्वाचित परिषदों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार प्रशासकों की नियुक्ति करेगी, जो निकाय और पंचायत प्रशासन का संचालन करेंगे। प्रशासक नियुक्त होने के बाद नियमित प्रशासनिक कार्य तो होंगे, लेकिन जनता की भागीदारी में कमी आ सकती है।
चुनाव टलने का प्रभाव
चुनाव में देरी का असर कई स्तरों पर पड़ सकता है:
- जन प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति: निर्वाचित प्रतिनिधियों की जगह प्रशासक आने से जनता और प्रशासन के बीच संवाद सीमित होगा।
- राजनीतिक दलों की तैयारी पर असर: लंबे समय तक चुनाव टलने से राजनीतिक दलों की रणनीतियों और तैयारियों पर भी असर पड़ेगा।
- स्थानीय विकास कार्यों पर ब्रेक: निर्वाचित निकायों की गैर-मौजूदगी में विकास कार्यों की गति धीमी हो सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फरवरी में परीक्षाएं और अप्रैल में त्योहार होते हैं, तो चुनाव प्रक्रिया मई के पहले सप्ताह से पहले शुरू होना मुश्किल है। इसके अलावा, गर्मी का मौसम मतदान में जनसहभागिता को प्रभावित कर सकता है।
सरकार का रुख
राज्य सरकार ने चुनाव आचार संहिता को लेकर पहले ही गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, लेकिन अब प्रशासनिक तैयारियां प्रशासकों की नियुक्ति की ओर बढ़ती दिख रही हैं।
आगे की राह
राज्य निर्वाचन आयोग से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही स्थिति स्पष्ट करेगा। तब तक राजनीतिक दल और जनता इस निर्णय के इंतजार में हैं कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की नई तारीखें कब घोषित होंगी।