नक्सलियों का खौफनाक हमला: 18 दिनों में 10 हत्याएं, पुलिस की मुखबिरी के आरोप में 3 भाजपा कार्यकर्ता समेत 4 की एक ही दिन में हत्या
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में 5 से 23 दिसंबर तक नक्सलियों ने एक भीषण हत्या की कड़ी में 10 लोगों की जान ले ली। बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में हुई इन हत्याओं में 3 भाजपा कार्यकर्ता, एक आंगनबाड़ी सहायिका और अन्य ग्रामीण शामिल हैं। इन हत्याओं के पीछे नक्सलियों ने आरोप लगाया कि ये लोग पुलिस के मुखबिर थे।
बीते 22 दिसंबर को एक ही दिन में चार हत्याएं की गईं। बीजापुर जिले के रेड्डी गांव से एक युवक मुकेश को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई। साथ ही कोरचोली गांव में भी नक्सलियों ने दो और ग्रामीणों की हत्या कर दी। दंतेवाड़ा जिले के गुफा गांव में भी एक युवक की हत्या कर दी गई, जिसे नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर बताकर मार डाला।
इससे पहले, 5 से 11 दिसंबर के बीच बीजापुर जिले में भाजपा कार्यकर्ता सुखराम और सुकलू फरसा, आंगनबाड़ी सहायिका लक्ष्मी पदम, और अन्य ग्रामीणों की हत्या की गई थी। इन हत्याओं के बाद, पुलिस भी हरकत में आ गई है, और सुरक्षा बलों के कैंपों को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
नक्सलियों का आरोप है कि ये हत्याएं उन्होंने इसलिए कीं क्योंकि उन्हें संदेह था कि ये लोग पुलिस को सूचनाएं दे रहे थे, जिससे उनके कैंप स्थापित करने में मदद मिल रही थी। उनका उद्देश्य बस्तर में अपनी दहशत बनाए रखना है, ताकि ग्रामीणों में भय का माहौल बना रहे।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से अपील की है कि वे बेकसूर ग्रामीणों की हत्या करना बंद करें और हिंसा का रास्ता छोड़ दें। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को अब हथियार डालकर शांति की ओर बढ़ना चाहिए।
नक्सलियों के इस खूनी खेल के पीछे उनके आतंक का उद्देश्य साफ है, जिसमें निर्दोष लोगों की जान ले कर ग्रामीणों के बीच भय फैलाना और पुलिस की कार्रवाई को रोकना शामिल है।