5 लाख युवाओं का भविष्य अधर में: चिप्स-व्यापमं अनुबंध खत्म, नई एजेंसी से करार नहीं
चिप्स और व्यापमं के बीच अनुबंध खत्म हुए दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब तक नई एजेंसी के साथ व्यापमं का करार नहीं हो पाया है। इस वजह से राज्य पात्रता परीक्षा (SET), प्रयोगशाला तकनीशियन, छात्रावास अधीक्षक समेत कई परीक्षाओं के परिणाम अटके हुए हैं। जुलाई से अक्टूबर तक आयोजित इन परीक्षाओं में 5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनमें से कई के परिणाम तैयार होने के बावजूद जारी नहीं किए जा सके हैं।
रिजल्ट न मिलने से बढ़ी युवाओं की नाराजगी
युवाओं का कहना है कि अनुबंध खत्म होने की जानकारी अधिकारियों को पहले से थी, फिर भी वैकल्पिक व्यवस्था समय पर क्यों नहीं की गई। चिप्स और व्यापमं दोनों सरकारी संस्थाएं हैं, इसके बावजूद बेहतर समन्वय नहीं दिख रहा। हाल ही में कुछ पुरानी परीक्षाओं के परिणाम जारी किए गए, जिनकी मेरिट लिस्ट पहले ही घोषित हो चुकी थी। सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी व्यवस्था अन्य परीक्षाओं के लिए क्यों नहीं की जा रही?
भर्ती के इंतजार में बीत गया साल
व्यापमं हर साल दर्जनभर से ज्यादा परीक्षाएं आयोजित करता था, लेकिन इस साल सिर्फ एक भर्ती (मत्स्य निरीक्षक, 70 पद) निकली है, जिसकी परीक्षा अभी तक नहीं हुई। युवाओं का कहना है कि पूरा साल इंतजार में निकल गया, जिससे कई अभ्यर्थियों की आयु सीमा पार हो गई। जिनकी परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनके परिणाम अटकने से भविष्य अधर में है।
आधा दर्जन परीक्षाओं के परिणाम अटके
जुलाई से अक्टूबर के बीच व्यापमं ने आधा दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं कराईं, लेकिन सभी के परिणाम लंबित हैं।
राज्य पात्रता परीक्षा (SET): 21 जुलाई को आयोजित, 1 लाख अभ्यर्थी।
प्रयोगशाला सहायक/तकनीशियन: अगस्त में आयोजित, 45 हजार अभ्यर्थी।
छात्रावास अधीक्षक: 15 सितंबर को आयोजित, 3.53 लाख अभ्यर्थी।
प्रयोगशाला तकनीशियन: 6 अक्टूबर को आयोजित, 60 हजार अभ्यर्थी।
इनमें से कुछ के मॉडल उत्तर जारी कर दावा-आपत्ति मांगी जा चुकी है, जबकि कुछ परीक्षाओं के उत्तर जारी नहीं हुए हैं।
भविष्य की परीक्षाओं पर भी सवाल
प्रयोगशाला परिचारक समेत कई भर्ती परीक्षाओं के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अक्टूबर 2023 में आवेदन मांगे थे। 880 पदों के लिए 7 लाख से ज्यादा फॉर्म मिले हैं, लेकिन परीक्षा कब होगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
युवाओं की मांग
युवाओं ने प्रशासन से जल्द नई एजेंसी के साथ अनुबंध करने और लंबित परिणाम घोषित करने की मांग की है। साथ ही, नई भर्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू करने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि यह देरी उनकी मेहनत और भविष्य दोनों के साथ अन्याय है।
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